

सौर ऊर्जा पर निबंध | Essay on Solar Energy in Hindi
by Meenu Saini | Jul 19, 2022 | Hindi | 0 comments

Hindi Essay Writing – सौर ऊर्जा (Solar Energy)
सौर ऊर्जा पर निबंध – सौर ऊर्जा क्या है ? सौर ऊर्जा के लाभ तथा हानि, भारत की सौर ऊर्जा के क्षेत्र में स्थिति और भारत सरकार के द्वारा सौर ऊर्जा के प्रयोग के प्रोत्साहन के लिए उठाए गए कदम के बारे में जानेगे |
दिन प्रतिदिन बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण ने लोगों को पेट्रोल डीजल और विद्युत जैसे गैर-नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के विकल्पों के बारे में सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। सरकार ने हाल ही में 2070 तक की योजना तैयार की है, उसमे सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के प्रयोग पर बल दिया है।
इस लेख में हम सौर ऊर्जा क्या होती है, भारत की सौर ऊर्जा के क्षेत्र में क्या स्थिति है, भारत में सौर ऊर्जा का प्रयोग दिन प्रतिदिन क्यों बढ़ रहा है, सौर ऊर्जा के लाभ, सौर ऊर्जा से हानि, सौर ऊर्जा के प्रयोग के प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार के द्वारा उठाए गए कदम के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
संकेत सूची (Table contents)
- सौर ऊर्जा क्या है
भारत की सौर ऊर्जा के क्षेत्र में स्थिति
भारत में सौर ऊर्जा के अत्यधिक प्रयोग की वजह, सौर ऊर्जा के लाभ, सौर ऊर्जा से हानि, सौर ऊर्जा के प्रयोग के प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार के द्वारा उठाए गए कदम.
1.4 बिलियन के करीब की आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ विकास की विशाल क्षमता के साथ, भविष्य के वर्षों में भारत का ऊर्जा मिश्रण दुनिया और भारत के जलवायु कार्यवाई लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण होगा। भारत पहले से ही चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद तीसरी सबसे बड़ी ऊर्जा खपत वाली अर्थव्यवस्था है।
इस स्थिति में इतनी विशाल आबादी के लिए ऊर्जा की पूर्ति करना एक बहुत बड़े चैलेंज से कम नहीं है। कोई भी देश 1.4 बिलियन लोगों को बिजली की अबाध आपूर्ति नहीं कर सकता, इस परिस्थिति में सौर ऊर्जा की जरूरत आवश्यक हो जाती है।
भारत अपनी ऊर्जा मांग को पूरा करने में कई समस्याओं का सामना कर रहा है, सौर ऊर्जा, ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। सौर ऊर्जा की प्रदूषण मुक्त प्रकृति, वस्तुतः अटूट आपूर्ति और वैश्विक वितरण के साथ, यह बहुत ही आकर्षक ऊर्जा संसाधन है।
दिन प्रतिदिन बढ़ते जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अब दुनिया तैयार हो रही है, और जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु हमारा अस्त्र होगा; सौर ऊर्जा। भारत सरकार भी सौर ऊर्जा के विकास के प्रति आबद्ध है, इसीलिए सरकार 2030 तक स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता को 500 GW (गीगावाट) तक बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। Top
सौर ऊर्जा क्या है
सौर ऊर्जा वह ऊर्जा है जो हमें सूर्य से प्राप्त होती है। हमें सूर्य से इतनी ऊर्जा मिलती है कि वह हमारी बिजली की मांग को पूरा कर सकता है, अगर हम उसका सही तरीके से उपयोग कर सकें।
सौर ऊर्जा का अर्थ है विभिन्न विकसित तकनीकों जैसे सौर ताप, सौर तापीय, फोटोवोल्टिक, आदि का उपयोग करके सूर्य से उज्ज्वल प्रकाश और गर्मी का उपयोग बिजली के विकल्प के रूप में करना। सौर ऊर्जा पृथ्वी के लिए ऊर्जा का सबसे स्वच्छ और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध स्रोत है। बिजली के उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग दो तरीकों से किया जाता है: फोटोवोल्टिक और सौर-थर्मल। Top
- उष्णकटिबंधीय बेल्ट में स्थित भारत साल के 300 दिन उच्च मात्रा में सूर्य की ऊर्जा प्राप्त करता है, जो 2300-3,000 घंटे धूप की मात्रा 5,000 ट्रिलियन kWh से अधिक के बराबर है।
- भारत में सौर ऊर्जा उद्यम भारत में अक्षय ऊर्जा के हिस्से के रूप में एक तेजी से विकासशील उद्योग है। 31 अगस्त 2021 तक देश की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता 44.3 गीगावाट थी।
- भारत ने सौर संयंत्रों के प्रवर्तकों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए लगभग 42 सौर पार्कों की स्थापना की है।
- भारत के पास दुनिया में सौर ऊर्जा की 5वीं सबसे बड़ी स्थापित क्षमता है
- भारत की राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (आईएनडीसी) की प्रतिबद्धता में 2022 तक 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा में से 100 गीगावाट सौर ऊर्जा शामिल है।
- इस क्षेत्र में नए रोजगार सृजित करने की अपार संभावनाएं हैं; 1 गीगावाट सौर विनिर्माण सुविधा लगभग 4000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करती है।
- इसके अलावा सौर परिनियोजन, संचालन और रखरखाव इस क्षेत्र में अतिरिक्त आवर्ती रोजगार सृजित करता है।
- भंडारण के लिए प्रगति हो रही है, जिसमें विश्व स्तर पर इस क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता है, तब तक जीवाश्मों पर निर्भरता को धीरे-धीरे नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा बढ़ाकर कम किया जा सकता है।
- भारत के 2035 तक वैश्विक सौर क्षमता का 8% होने की उम्मीद है। 363 गीगावाट (GW) की भविष्य की संभावित क्षमता के साथ, भारत ऊर्जा क्षेत्र के लाभों को भुनाने के मामले में एक वैश्विक नेता हो सकता है।
- द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, 18000 वर्ग किमी के संचयी सतह क्षेत्र वाले भारत के जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर पीवी के माध्यम से 280 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है।
- राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई) का अनुमान है कि भारत में सौर ऊर्जा की क्षमता लगभग 750 गीगावाट होगी, जिसमें राजस्थान, जम्मू और कश्मीर (विभाजन से पहले), महाराष्ट्र उच्चतम सौर क्षमता वाले शीर्ष राज्य होंगे।
- प्रति वर्ष लगभग 5000 ट्रिलियन kWh की सौर ऊर्जा के साथ, भारत में सोलर पीवी और सौर तापीय ऊर्जा का उपयोग करके 35 मेगावाट / वर्ग किलोमीटर उत्पन्न करने की क्षमता है।
Top
भारत में सौर ऊर्जा की आवश्यकता को निम्नलिखित बिंदुओं से समझा जा सकता है।
प्रतिदिन बढ़ती ऊर्जा की खपत
- जैसा कि ऊपर कहा ही गया है कि भारत हाल ही में तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा खपत वाला देश बन गया है।
- बुनियादी ढांचे के निर्माण, विनिर्माण और सेवा प्रावधान जैसे अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में विकास के साथ मांग अपने चरम पर है।
- बीपी एनर्जी आउटलुक 2050 के अनुसार, भारत का जीवाश्म ईंधन आयात 2050 तक दोगुना होने की उम्मीद है।
- भारत अभी भी एक विकासशील देश है। इसकी विकास संबंधी बड़ी जरूरतें हैं: गरीबी में कमी, मानव संसाधन विकास, रोजगार सृजन, औद्योगिक विकास आदि।
- अगर हमें जनसंख्या की मांगों को पूरा करना है और हमारे पास जो जनसांख्यिकीय लाभांश है, उसके विकास के अवसर पैदा करना है तो ऊर्जा अनिवार्य है।
ऊर्जा क्षेत्र में सुरक्षा
- भारत के ऊर्जा मिश्रण में मुख्य रूप से थर्मल पावर शामिल है जिसके लिए बड़ी मात्रा में आयातित कोयले, गैस और डीजल की आवश्यकता होती है। ऊर्जा को आयात पर अधिक निर्भरता भारत जैसे ऊर्जा की उच्च मांग वाले देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए खतरा है।
- साथ ही, तेल की कीमतों में लगातार भू-राजनीति से प्रेरित उतार-चढ़ाव हमारी ऊर्जा की आवश्यकताओं को बाहरी खतरों के प्रति संवेदनशील बनाता है।
- इस परिदृश्य में, भारत को अपनी ऊर्जा स्थिति में विविधता लाने और अपनी अधिकांश ऊर्जा मांग के लिए आत्मनिर्भर होने के अवसरों की तलाश करनी चाहिए। इस संबंध में सौर ऊर्जा एक महत्वपूर्ण समाधान है।
जलवायु परिवर्तन
- जीवाश्म ईंधन का अत्यधिक जलना ग्लोबल वार्मिंग और इसकी गंभीरता का मुख्य कारण है।
- पिछले 5 दशकों में, विश्व समुदाय ने जीवाश्म ईंधन पर अपनी ऊर्जा निर्भरता को कम करने और वैकल्पिक स्वच्छ ऊर्जा की खोज करने की योजना पर सहमति व्यक्त की है।
- जलवायु परिवर्तन ने कम ग्लोबल वार्मिंग वाले गैर-प्रदूषणकारी स्रोतों की खोज की है। इन खोजों के विभिन्न विकल्पों में से सौर ऊर्जा सर्वोत्तम संभव समाधान हो सकता है।
यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कनवेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज में भारत का 2030 का मिशन
- भारत ने यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कनवेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज में यह घोषणा किया है कि 2030 तक, हम अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 2005 के स्तर से 33-35% कम कर देंगा। साथ ही, भारत 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली की हिस्सेदारी को 40% तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- हमारे वर्तमान स्तर के उत्सर्जन और ऊर्जा स्थिति को देखते हुए ये लक्ष्य महत्वाकांक्षी हैं। प्रौद्योगिकी और वित्त पोषण के माध्यम से पर्याप्त प्रोत्साहन के साथ सौर ऊर्जा इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
सौर ऊर्जा का बहुउद्देशीय प्रयोग
- घरेलू उपकरणों से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक विविध क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के विविध उपयोग है। इसका उपयोग ऑटोमोबाइल उद्योग, शहरी परिवहन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और कई अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है।
नवीकरणीय और सुरक्षित ऊर्जा का स्रोत
- सूर्य ऊर्जा का एक अटूट स्रोत है। इसका उपयोग करने की कोई सीमा नहीं है।
- सौर ऊर्जा का प्रसार ऐसा है कि यह उष्ण कटिबंध में दुनिया के सबसे कम विकसित देशों में सबसे अधिक उपलब्ध है। इस स्थिति में यह दक्षिणी एशियाई देशों के लिए एक आशीर्वाद है।
- इसके अलावा, यह परमाणु ऊर्जा के कारण होने वाले रेडियोधर्मी रिसाव के खतरे जैसे कुछ अन्य विकल्पों के मुकाबले एक सुरक्षित स्रोत है।
अधिक रोजगार सृजन के मौके
- भारत जिसने पिछले 4-5 दशकों में पिछले कुछ वर्षों में सबसे अधिक बेरोजगारी देखी है, उसे बड़ी मात्रा में रोजगार सृजित करने की आवश्यकता है। 1 गीगावाट सौर विनिर्माण सुविधा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 4000 रोजगार सृजित करती है।
- इंटरनेशनल रिन्यूएबल एनर्जी एसोसिएशन (IRENA) के अनुसार, भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र 2023 तक 95,000 मजबूत रोजगार को दोगुना कर सकता है।
- इसके अलावा, यह स्थापना, रखरखाव, उत्पादन और अन्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एक विशाल कुशल कार्यबल और रोजगार पैदा कर सकता है।
- IRNEA की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 तक नवीकरणीय ऊर्जा में भारत की 719,000 नौकरियों में से एक तिहाई महिलाएं थीं। इसलिए, अगर अच्छी तरह से योजना बनाई जाए तो सौर क्षेत्र भारत में महिला श्रम शक्ति की भागीदारी बढ़ा सकता है।
सौर ऊर्जा के निम्नलिखित लाभ है।
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सौर ऊर्जा वास्तव में अक्षय ऊर्जा स्रोत है। इसका उपयोग दुनिया के लगभग सभी क्षेत्रों में किया जा सकता है और यह हर दिन उपलब्ध है।
- सौर ऊर्जा प्रदूषण मुक्त है और स्थापना के बाद कोई ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करती है।
- सौर ऊर्जा में कम चलने वाली लागत और ग्रिड टाई-अप कैपिटल रिटर्न (नेट मीटरिंग) शामिल है।
- सौर ऊर्जा के उपकरणों का जीवन लंबा होता है और उन्हें कम रखरखाव की आवश्यकता होती है और इसलिए उच्च ऊर्जा अवसंरचना सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- इसका रखरखाव कम है क्योंकि इसमें कोई हिलने-डुलने वाले हिस्से नहीं हैं और कोई टूट-फूट नहीं है। इसलिए भले ही शुरुआती लागत अधिक हो, सौर संयंत्रों के लिए रखरखाव की लागत अपेक्षाकृत कम है।
- वर्तमान समय में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सौर संयंत्र बंजर और कम कृषि उत्पादकता वाली भूमि पर लगाए जा सकते हैं। अतः इसके लिए वृक्षों को काटने और भूमि को खाली करने की जरूरत नहीं है।
- इसमें जल आसवन से लेकर बिजली उपग्रहों तक के विविध प्रकार के प्रयोग हैं।
- सौर ऊर्जा का मुख्य नुकसान यह है कि यह मौसम पर निर्भर है और इसलिए वे खराब मौसम की स्थिति में जैसे बरसात के मौसम में और रात में ऊर्जा का उत्पादन नहीं कर सकते हैं।
- प्रारंभिक स्थापना लागत अब तक बहुत अधिक है, इसलिए वे आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए सस्ती नहीं हैं। बैटरी की आवश्यकता, इन्वर्टर, वायरिंग और इंस्टॉलेशन में बड़ी मात्रा में लागत लगती है।
- सौर ऊर्जा भंडारण महंगा है और भंडारण प्रौद्योगिकी अभी भी विकसित हो रही है और वर्तमान भंडारण परिदृश्य महंगा है।
- आपको जितना अधिक ऊर्जा उत्पादन की आवश्यकता होगी, आपको उतनी ही अधिक जगह की आवश्यकता होगी।
- हालांकि सौर ऊर्जा का उत्पादन पूरी तरह से गैर-प्रदूषणकारी है, लेकिन परिवहन और सौर प्रणालियों की स्थापना जीएचजी उत्सर्जन से जुड़ी है।
- सौर पैनल बहुत भारी होते हैं और इन्हें संभालना आसान नहीं होता है।
- इसको इंस्टॉल करने के लिए प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता होती है।
भारत सरकार ने हाल के वर्षों में सौर ऊर्जा के प्रोत्साहन हेतु कई सराहनीय कदम उठाए हैं, उनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं।
- एमएनआरई ने मौजूदा सोलर पार्क योजना के तहत अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क (यूएमआरईपीपी) विकसित करने की योजना शुरू की है। यह योजना सौर और सौर-पवन संकर परियोजनाओं के लिए भूमि और पारेषण अवसंरचना प्रदान करती है।
- रीवा सोलर प्रोजेक्ट एक ऐसा UMREPP था जिसे एशिया की सबसे बड़ी सोलर प्रोजेक्ट कहा जाता है।
- दुनिया की सबसे बड़ी सौर परियोजना में से एक कामुथी, तमिलनाडु में चालू किया गया है। 648 मेगावाट की परियोजना पूरी तरह से चालू है और अब 2,65,000 घरों को बिजली प्रदान कर रही है।
- भारत में विकास के विभिन्न चरणों में लगभग 42 सौर पार्क हैं।
- कृषि ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना 2019 में किसानों को सौर पंप प्रदान करने के साथ-साथ कृषि योग्य / बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा उत्पन्न करने का अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। इसका 2022 के अंत तक 25,750 मेगावाट सौर क्षमता का लक्ष्य है।
- 2022 के अंत तक सोलर रूफटॉप से 40000 मेगावाट की संचयी क्षमता हासिल करने के लक्ष्य के साथ ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्रोग्राम के दूसरे चरण को मंजूरी दी गई।
- भारत में रूफटॉप सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए भारत के सौर परिवर्तन (सृष्टि) योजना का स्थायी रूफटॉप कार्यान्वयन शुरू किया गया है।
- सौर ऊर्जा क्षेत्र में एक योग्य कार्यबल तैयार करने के लिए एक सूर्यमित्र कार्यक्रम शुरू किया गया है।
- राष्ट्रीय कौशल भारत मिशन युवाओं को आवश्यक कौशल से परिपूर्ण करने के लिए विभिन्न कौशल परियोजनाएं चला रहा है।
- नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत के नवीकरणीय ऊर्जा मुद्दों से निपटने के लिए नोडल एजेंसी है।
- राष्ट्रीय सौर मिशन भारत की ऊर्जा सुरक्षा चुनौती को स्वीकार करते हुए पारिस्थितिक रूप से सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों की एक प्रमुख पहल है।
- भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के लिए सावधि ऋण प्रदान करने के लिए इस मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान है।
- जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) के तहत 8 मिशनों में से एक है। इसे 30 जून 2008 को लॉन्च किया गया था और 2010 में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इसे मंजूरी दी गई थी। शुरुआत में 2022 तक 20 गीगावॉट का लक्ष्य था, जिसे एनडीए सरकार ने बढ़ाकर 100 गीगावॉट कर दिया है।
- पेरिस जलवायु समझौते में आईएनडीसी के हिस्से के रूप में भारत की प्रतिबद्धता 2005 के स्तर से 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 33 से 35% तक कम करने का उद्देश्य है।
- 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 40 प्रतिशत संचयी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता प्राप्त करने के लिए, ग्रीन क्लाइमेट फंड सहित, प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और कम लागत वाले अंतर्राष्ट्रीय वित्त की मदद की घोषणा की है।
- भारत द्वारा शुरू किए गए 122 से अधिक देशों के अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की स्थापना, उनमें से अधिकांश ऐसे देश हैं, जो सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच पूरी तरह या आंशिक रूप से स्थित हैं।
- सौर ऊर्जा के बड़े पैमाने पर परिनियोजन के लिए 2030 तक आवश्यक 1000 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश जुटाने का लक्ष्य है और भविष्य की जरूरतों के अनुकूल प्रौद्योगिकियों के लिए मार्ग प्रशस्त करने का लक्ष्य है।
जैसा कि पीएम ने 2015 में घोषणा की थी कि हमें अतीत में मेगावाट के मुकाबले GW में सोचना होगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सौर ऊर्जा पर परिणामी जोर के साथ यह इरादा सौर ऊर्जा को ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख प्रेरक बनाने के बारे में भारत की गंभीरता को दर्शाता है।
सौर ऊर्जा क्षेत्र हमारे अधिकांश महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे कि समान और सतत विकास, सामाजिक क्षेत्र, रोजगार सृजन, आदि का समाधान है। यह आत्मानिर्भर भारत की खोज का एक महत्वपूर्ण घटक है।
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सौर ऊर्जा पर निबंध- Essay on Solar Energy in Hindi
In this article, we are providing information about Solar Energy in Hindi- Essay on Solar Energy in Hindi Language. सौर ऊर्जा पर निबंध- Importance of Solar Energy ( Saur Urja ) in Hindi.
हमारी पूरी पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ घुमती है। यह सूर्य से रोशनी और गर्मी प्राप्त करती है। सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहा जाता है। विशेष रूप से सौर ऊर्जा सूर्य की वह ऊर्जा है जिसे हम विद्युत में परिवर्तित करते हैं। सूर्य के पास बहुत सा प्रकाश और गर्मी है। अगर सूर्य से प्राप्त होने वाली सारी रोशनी को विद्युत में बदल दिया जाए तो पूरे साल की बिजली की खपत की आपूर्ति हो सकती है। भारत में गर्मी ज्यादा रहती है इसलिए सौर ऊर्जा बनाना यहा पर सरल है।
सूर्य की किरणों की गर्मी को दो तरीके से प्रयोग किया जा सकता है एक तो उसकी गर्मी लेकर जिससे कि कपड़े, अनाज आदिलको सुखाया जा सकता है। दुसरा हम सूर्य की किरणों की गर्मी को सोलर पैनेल के माध्यम से एकत्रित करके बिजली पैदा कर सकते है जिससे हम सभी बिजली से चलने वाले उपकरण चला सकते हैं। सूर्य ऊर्जा का ऐसा साधन है जो की कभी भी खत्म नहीं हो सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह विस्तारित है और इससे प्रदुषण भी नहीं होता है। लोग इसे अपने व्यक्तिगत स्तर पर भी लगवा सकते है और प्रयोग कर सकते हैं। इसे एकत्रित भी किया जा सकता है और रात को प्रयोग में लाया जा सकता है। सौर ऊर्जा से सोलर कुकर बनाकर सूर्य की गर्मी से खाना भी बनाया जा सकता है जिससे कि ईंधन की खपत कम होगी और प्रदुषण से भू राहत मिलेगी।
सौर ऊर्जा के प्रयोग में बहुत सी चुनौतियाँ भी है। इसके लिए सोलर पैनल लगवाने के लिए ज्यादा पूँजी का निवेश करना पड़ता है। खराब मौसम औक बारिश में ये सौर ऊर्जा कम ही एकत्रित कर पाते हैं। जिन देशों में ठंड रहती है और धुप कम आती है वहाँ पर सौर ऊर्जा उत्पन्न करना मुश्किल है।
सौर ऊर्जा उन देशों में बहुत ही सफल है जहाँ पर गर्मी बहुत ज्यादा होती है। बढ़ते समय के साथ लोगों ने सौर ऊर्जा के महत्व को समझा है और बहुत से गर्म देशों में सोलर पैनल लगाए गए हैं। आने वाले कुछ सालों में यह ऊर्जा का सबसे मुख्य स्त्रोत बन जाएगा। सौर ऊर्जा को हम सबको अपने स्तर पर भी लगाना चाहिए ताकि हम पानी और कोयले से बनने वाली बिजली की बचत कर सके। भारत में सौर ऊर्जा को विकसित किया जा जा रहा है। यहाँ पर सिलिकोन वैली की तरह सोलर वैली का भी सपना देखा गया है।
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ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Essay on Solar Energy in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।
5 thoughts on “सौर ऊर्जा पर निबंध- Essay on Solar Energy in Hindi”
Bhut hi achcha h par iss nibandh pr topic matlb ” विचार बिंदु ” ye bhi kro tb aur bhi achcha ho jaaega nibandh aapka
But it helps me
Thanks ! You can follow me on tik tok on the name 👉Dattatrey Chandrakar👈😊😊😊😊😋😋
very nice essay
it help me for writting essay online competition in school
Excellent work and reliable essay. you’ve done a good job
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सौर ऊर्जा पर निबंध Essay on Solar Energy in Hindi

सौर ऊर्जा पर निबंध (Essay on Solar Energy in Hindi )
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इस ऊर्जा के उपयोग से अन्य चीजों की तरह प्रदूषण भी नहीं करता है। अगर सूर्य नहीं होता, तो पृथ्वी पर कोई जीवन नहीं होता और पृथ्वी भी सौरमंडल के किसी अन्य ग्रह की तरह होती। आज के इस लेख में हम आपको सौर ऊर्जा पर निबंध के बारे में बताने वाले है। इसके बारे मे जानने के लिए लेख को पूरा पढ़े।
सौर ऊर्जा क्या है?
सौर ऊर्जा, उर्जा का वह स्त्रोत है, जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। सौर ऊर्जा ही मौसम एवं जलवायु का परिवर्तन के लिए उत्तरदायी है। धरती पर सभी प्रकार के लिए सौर ऊर्जा ही एक सहारा है। सौर उर्जा का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है, लेकिन सौर ऊर्जा को विधुत उर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर उर्जा के रूप में जाना जाता है।
सौर ऊर्जा का उपयोग क्या-क्या है?
आज की इस अधुनिकता में सौर ऊर्जा का उपयोग घरेलू और औद्योगिक रूप में किया जा रहा है। सौर ऊर्जा के घरेलू उपयोगों में औद्योगिक उपयोगों की तुलना में बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा की कटाई की आवश्यकता नहीं होती है। इसके घरेलू उपयोगों में सौर कुकर, सौर गर्म पानी की व्यवस्था और एयर कंडीशनर शामिल हैं जबकि सौर ऊर्जा के औद्योगिक अनुप्रयोगों में बिजली उत्पादन शामिल है।
सौर ऊर्जा के क्या लाभ हैं?
हम सभी जानते है कि ग्रामीण इलाकों में विधुत पहुँचाना आसान बात नही है, लेकिन सौर ऊर्जा की उपलब्धता में आसानी के कारण, इसका उपयोग ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में किया जा सकता है। इसके उपयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या को समाप्त किया जा सकता है। इसके उपयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोगों तक बिजली पहुँचाई जा सकती है और लागत की भी बचत होगी है।
दुनिया भर में सौर ऊर्जा का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है और इसके महत्व को महसूस किया जा रहा है। सौर ऊर्जा, ऊर्जा का एक ऐसा स्त्रोत है। जो जीवन में कभी भी समाप्त नहीं होगी और यही कारण है कि ये दुनिया में ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
सौर ऊर्जा के नुकसान क्या हैं?
सौर ऊर्जा के पर्याप्त ऊर्जा एकत्र करने के लिए बड़े स्थानों की आवश्यकता होती है। जिसमे सौर ऊर्जा के संग्रह में बड़े सौर पैनलों, सौर कलेक्टरों और सेल के उपयोग के माध्यम से एक बड़े क्षेत्र को कवर करना होता है जिससे अधिक मात्रा में ऊर्जा एकत्र की जा सके।
सौर ऊर्जा, केवल सूर्य पर निर्भर होता है लेकिन बहुत से ऐसे जगह है जहाँ धूप कम होती है। ऐसे में सौर ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग असंभव है। या फिर सर्दियों में मौसम ख़राब होने पर धूप नही निकलती है ऐसे में सौर ऊर्जा का उपयोग पूरी तरह से असंभव हो जाता है, इसलिए ऊर्जा के अन्य स्त्रोत का भी उपयोग करना चाहिए।
हम केवल सौर ऊर्जा के निर्भर नही रह सकते है। ये ऊर्जा का एक वैकल्पिक स्रोत है। अर्थात आप इसका उपयोग गर्मियों के दौरान, विशेष रूप से दिन के दौरान। अपने गर्मियों के घर में आप सौर ऊर्जा का उपयोग करने का विकल्प के रूप में चुन सकते हैं और फिर बाकी मौसमों में बिजली का उपयोग कर सकते हैं।
सौर उत्पादित वस्तुएँ Solar Energy equipment’s
सौर ऊर्जा द्वारा तथा इसमें सहायक वस्तुओं व उपकरणों का निर्माण किया गया हैं, जो इस प्रकार हैं –
भारत में सौर ऊर्जा (Solar Energy in India)
1. भारत के थार मरुस्थल में देश का अब तक का सर्वोत्तम सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया हैं, जो लगभग 700 – 2100 GW ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता रखता है।
3. केंद्र सरकार ने ‘जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सौर ऊर्जा परियोजना (JNNSM) को शुरू किया है जो वर्ष 2022 तक 20,000 MW तक ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं।
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Bahut badinya

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सौर ऊर्जा पर निबंध Essay on Solar Energy in Hindi
Essay on Solar Energy in Hindi : नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं आज हम रिन्यूवल एनर्जी के एक माध्यम सौर ऊर्जा पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद, लेख यहाँ हिंदी में जानेगे. सोलर एनर्जी सिस्टम क्या है कैसे काम करता है इसका इतिहास, महत्व प्रकार आदि बिन्दुओं को समेकित करते हुए सौर ऊर्जा पर यह एस्से शोर्ट में स्टूडेंट्स के लिए यहाँ दिया गया हैं.

सूर्य किरणों से प्राप्त सौर ऊर्जा हैं. यह हमारे लिए ऊर्जा प्राप्ति का असीमित स्रोत हैं. भारत में सौर ऊर्जा गैर परम्परागत ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत हैं.
सौर कुकरों, सौर हीटरों और सौर सेलों में सौर ऊर्जा इस्तेमाल होती हैं. सौर ऊर्जा को संग्रहित करके ताप और विद्युत् ऊर्जा में बदला जाता हैं, मानव निर्मित उपग्रहों तथा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सौर ऊर्जा का उपयोग प्रमुख ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता हैं.
रेडियो अथवा बेतार संचार क्षेत्रों अथवा सुदूर क्षेत्रों के टीवी रिले केन्द्रों में भी सौर सेल पैनल उपयोग किये जाते हैं. ट्रैफिक सिग्न लों परिकलको तथा बहुत से खिलौनों में सौर सेल लगे होते हैं.
सौर सेलों का रखरखाव सस्ता होता हैं. इन्हें सुदूर अगम्य और ऐसे छितरे बसे हुए क्षेत्रों में भी स्थापित किया जा सकता हैं, जहाँ शक्ति संचरण के लिए केबल बिछाना अत्यंत खर्चीला और व्यापारिक दृष्टि से व्यवहारिक नहीं होता हैं.
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सौर सेल द्वारा सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में रूपांतरित करते हैं. जब बहुत अधिक संख्या में सौर सेलों को संयोजित करते हैं तो यह व्यवस्था सौर पैनल कहलाती हैं.
सौर सेल बनाने में सिलिकॉन का उपयोग किया जाता हैं जो प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं सौर सेलों को परस्पर संयोजित करके सौर पैनल बनाने में सिल्वर का उपयोग किया जाता हैं.
ज्यों ज्यों मानव सभ्यता प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर उन्नत स्वरूप बनाती गई त्यों त्यों ऊर्जा की खपत भी बढ़ती ही गई. आदिकाल में जहाँ व्यक्ति की आवश्यकताएं सिमित थी लोग कम थे.
जिसके चलते कृत्रिम रूप से उत्पादित ऊर्जा की कभी आवश्यकता ही महसूस नहीं की गई. जैविक रूप से सुलभ ऊर्जा के भंडारों का उत्तरोतर दोहन इस द्रुतगती से हुआ कि आगामी एक सदी में ऊर्जा के समस्त परम्परागत स्रोत समाप्त हो जाएगे.
यदि इसी तरह ऊर्जा के परम्परागत साधनों का उपयोग बढ़ता गया, तो भविष्य में भयानक ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ेगा. मानव ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों में वृद्धि नहीं कर सकते.
यह जैविक प्रक्रिया द्वारा लाखों करोड़ों वर्षों में बनते हैं अतः विकल्प के तौर पर पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा तथा बायोगैस के विकल्प तलाशे गये. सूर्य ऊर्जा जिन्हें सोलर एनर्जी कहा जाता हैं यह सस्ती, सर्वसुलभ, निरापद, निरंतर उपयोग लाई जाने वाली अक्षय ऊर्जा हैं.
सौर ऊर्जा का अर्थ है सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा या ऊष्मा. जिन्हें पृथ्वी के हर उस स्थान पर तैयार किया जा सकता है जहाँ सूर्य दिखाई देता हैं.
भविष्य में इसकी प्राप्ति के पथ में कोई अवरोध भी प्रतीत नहीं होता हैं. अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में यह पूर्ण पर्यावरण मित्र हैं. जिनसे किसी तरह का प्रदूषण भी नहीं होता हैं.
हमारी पृथ्वी के लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य ही हैं, जिसके कारण हम देख पाते है प्रकाश की किरणों से रोशनी, उष्मा से ताप तथा जलवायु को संतुलित बनाने में सहायक हैं.
इस तरह सूर्य की ऊष्मा का उपयोग विविध रूपों में किया जाता हैं. मगर सूर्य की ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा के रूप में रूपांतरित करने की तकनीक को सूर्य ऊर्जा संयंत्र कहा जाता हैं.
सौर ऊर्जा के असीमित अनुप्रयोग हैं. प्रकाश के लिए बल्ब आदि से लेकर घरेलू उपयोग के विद्युत् उपकरणों कुकर, फ्रिज, एस सी, छोटी औद्योगिक इकाईयों, पानी की मोटर चलाने तथा भोजन पकाने में सोलर यंत्र सहायक होता हैं.
वैज्ञानिकों ने सोलर कुकिंग यंत्र बनाया हैं जो सूर्य की किरणों का उपयोग भोजन बनाने में करता हैं. सौर ऊर्जा के दैनिक जीवन में उपभोग करने के नयें नयें तरीके खोजे जा रहे हैं. भविष्य में यह आम आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण साबित होगी.
यदि हम सौर ऊर्जा के लाभ/ फायदे की बात करें तो इन्हें मोटे तौर पर दो भागों में विभक्त कर सकते हैं पहला व्यक्तिगत लाभ तथा दूसरा पर्यावरणीय लाभ.
अब तक हमने ऊर्जा के कई वैकल्पिक स्रोतों को पहचान लिया हैं जैसे परमाणु या पवन ऊर्जा आदि मगर ये उन्नत तकनीक, उच्च खर्च एवं प्रदूषण बढ़ाने वाले होते हैं. वहीँ सौर ऊर्जा इस मामले में सर्वसुलभ, सस्ती एवं पर्यावरण हितैषी हैं.
इससे ऊर्जा निर्माण की प्रक्रिया में किसी तरह के रासायनिक उत्पाद या अवशिष्ट भी नहीं निकलते है जिससे पर्यावरण दूषित हो.
इसका दूसरा पहलू आसान पहुँच का हैं. विद्युत् ऊर्जा को देश के दूर दराज इलाकों तक पहुंचाना एक चुनौती भरा काम हैं इसमें अपार जन शक्ति एवं धन का अपव्यय होता हैं.
वहीँ सौर ऊर्जा की उपलब्धता बेहद सरल है चाहे मरुसथल हो या पर्वत हो या कोई द्वीप समूह यह सर्वस्थानिक सुलभ हैं. सरकार के घर घर बिजली पहुचाने के लक्ष्य को सौर ऊर्जा संयंत्रों की मदद से पूर्ण किया जा सकता हैं.
इससे अधिकाँश लोगों तक न केवल बिजली सुविधाएं पहुंचाई जा सकेगी बल्कि लागत में भी बचत होगी. दुनियां के लगभग सभी देशों में व्यापक स्तर पर ऊर्जा के इस नवीकरणीय स्रोत को नई सम्भावनाओं के साथ अपनाया जा रहा हैं.
इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह ऊर्जा निकट भविष्य में कभी भी समाप्त नहीं होगी. इस तरह कहा जा सकता हैं बदले हुए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप सोलर एनर्जी ऊर्जा का अच्छा व सस्ता विकल्प हैं. जिसे प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत हैं.
यदि हम सौर ऊर्जा से होने वाले नुकसान या हानियों की बात करें तो सम्भवतः कोई बड़ा नुकसान नहीं हैं. मगर इसकी अपनी कुछ सीमाएं हैं जो इसके उपयोग को सिमित करती हैं.
पहली सीमा यह है कि इसका अधिकतम उपयोग सूर्य की रौशनी अर्थात दिन के समय ही किया जा सकता हैं जब सूरज की किरणें स्पष्ट रूप से धरती तक आ रही हो.
इसके अतिरिक्त बड़े सौर पैनल को स्थापित करने में अधिक खर्च की आवश्यकता पड़ती हैं. साथ ही इन उपकरणों का रखरखाव भी सावधानी से करना होता हैं.
अधिक मात्रा में ऊर्जा के संचय क लिए पर्याप्त बड़े आकार के सौर पैनलों की जरूरत पड़ती हैं आमतौर पर ये घरों की छत को पूरा कवर कर लेते हैं.
सर्दियों के मौसम या मानसून के दिनों में जब सूर्य बादलों के पीछे छिप जाता हैं ऐसी स्थिति में सौर पैनल से ऊर्जा प्राप्ति संभव नहीं होती हैं. ऐसी स्थिति में हमें ऊर्जा के अन्य स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता हैं.
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता हैं खुले मौसम के समय में खासकर दिन के समय सौर ऊर्जा का उपयोग अबाधित रूप से किया जा सकता हैं जबकि अन्य समय के लिए घरेलू विद्युत् का सहारा ले सकते हैं.
सौर ऊर्जा का महत्व | Solar Energy (Saur urja) and its importance in hindi
भारत 130 करोड़ आबादी वाला विशाल देश है जहाँ के जीवन के लिए विपुल मात्रा में ऊर्जा भंडार की आवश्यकता हैं. केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अपने नागरिकों की ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न नवीकरणीय और अनवीकर णीय ऊर्जा विकल्पों का सहारा लिया जाता हैं.
संसार में कोयले द्वारा विद्युत् उत्पादन एवं उसकी खपत में भारत का पांचवा स्थान हैं. जिस दर से जनसंख्या वृद्धि हो रही है उसी अनुपात में हमारी ऊर्जा सम्बन्धी आवश्यकताएं एवं निर्भरता भी बढ़ती है.
वर्तमान में देश की कुल ऊर्जा का 53 प्रतिशत भाग कोयले द्वारा उत्पादित विद्युत् ऊर्जा हैं. एक अनुमान के अनुसार आने वाले 25-30 वर्षों में कोयले के अधिकांश भंडार समाप्त हो जाएगे.
साथ ही देश में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो बिना विद्युत् या 24 घंटे में एक छोटे कालखंड में ही रोशनी के दर्शन हो पाते हैं. ऐसे में नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर ऊर्जा आदि को प्रोत्साहन देने की महत्ती आवश्यकता हैं.
सौर ऊर्जा के प्रयोग (Use of solar energy essay in hindi)
शरद ऋतु का मौसम चल रहा हो तब चाहे पानी पीना हो या स्नान करना हो. ठंडा पानी हमेशा सिरदर्द बना रहता है उस वक्त हमे जरूरत होती है एक ऐसे साधन कि जो पानी को गर्म करे.
मगर यदि हम थोडा विवेक से काम ले और पानी के बर्तन को कुछ समय के लिए धूप में छोड़ दे तो वह गुनगुना हो जाएगा. सौर ऊर्जा के ये सामान्य उपयोग है जो हमारे जीवन के अभिन्न अंग है.
इसके अलावा कई अन्य तरीको से सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाता हैं. दो तरीको से हम सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में बदल कर इच्छित उपयोग कर सकते हैं.
पहला है विद्युत् सेल एवं दूसरा है किसी द्रव पदार्थ को सूरज की गर्मी से गर्म करने के बाद विद्युत् जनित्र चलाकर ऊष्मा उत्पन्न की जा सकती हैं.
हमारे जीवन में सौर ऊर्जा प्रकाश तथा ऊष्मा के रूप में उपयोग में ली जाती हैं. इसका प्रयोग अनाज को सुखाने, जल उष्मन, खाना पकाने, प्रशीतन, जल परिष्करण तथा विद्युत उत्पादन आदि में भी व्यापक स्तर पर किया जा सकता हैं.
सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में कैसे बदलें? (How to convert solar energy into electrical energy?)
वर्तमान में ऐसी दो विधियाँ प्रचलित हैं जिनका उपयोग करके सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता हैं. पहली विधि को सौर तापीय अथवा सोलर थर्मल कहा जाता है जिन्हें बड़े बड़े पावर स्टेशन बनाकर भी विद्युत् कन्वर्जन होता हैं.
इसमें सूर्य की ऊष्मा को गर्म कर घरेलू या व्यावसायिक उपयोग हेतु तैयार किया जाता हैं. दूसरी विधि प्रकाशविद्युत विधि है इसे हम फोटो इलेक्ट्रिक मैथड के रूप में जानते है जिसमें सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में बदलने के लिए फोटोवोल्टेक सेलों की मदद ली जाती हैं.
सौर ऊर्जा का कारण क्या है? (What is the reason for solar energy?)
सौर ऊर्जा वह उर्जा कहलाती है जिन्हें हम प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य से प्राप्त करते हैं. इन्हें दो विधियों से विद्युत् ऊर्जा में बदल कर घरेलू उपयोग किया जाता हैं.
फोटो इलेक्ट्रिक विधि का अधिक उपयोग किया जाता है जिसमें विद्युत् जनित्र को चला कर ऊर्जा उत्पन्न की जाती हैं.
सौर ऊर्जा से क्या लाभ है? (What is the benefit of solar energy?)
सौर’ का अर्थ है सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करना, अर्थात वह ऊर्जा जो हमें सीधे सूरज से मिलती हैं. यह प्रकाश की किरणों तथा धूप के रूप में अर्जित की जाती हैं.
इसके कई लाभ है यथा यह पर्यावरण का सबसे अनुकूल ऊर्जा स्रोत हैं जिससे सबसे कम मात्रा में पर्यावरण का प्रदूषण होता हैं. यह कार्बनडाई ऑक्साइड जैसे प्रदूषकों से मुक्त हैं.
सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए बड़े संयंत्र अथवा स्थान की आवश्यकता भी नहीं होती हैं. अपने घर की छत पर इसे स्थापित किया जा सकता हैं. सौलर कुकर से भोजन बनाकर हम बिजली की खपत को भी कम कर सकते हैं.
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उम्मीद करता हूँ दोस्तों Essay on Solar Energy in Hindi का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा, यहाँ हमने सौर ऊर्जा पर शोर्ट निबंध दिया हैं. इसमें दी गयी जानकारी आपकों अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
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सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) के महत्व पर निबंध | Solar Energy and its importance Essay in Hindi
सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) के महत्व पर निबंध Solar Energy (Saur urja) and its importance Essay in hindi
भारत एक तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था हैं, जिसमें 100 करोड़ से भी ज्यादा लोग शामिल हैं और जिन्हें ऊर्जा की बड़ी मात्रा में आवश्यकता हैं. जिसकी पूर्ति भारत सरकार द्वारा विभिन्न नविनीकरणीय और अनविनीकरणीय संसाधनों का उपयोग करके की जा रही हैं. हमारा देश बिजली को उत्पन्न करने एवं उसकी खपत करने में विश्व में पांचवे स्थान पर हैं. हमारे देश में बिजली का उत्पादन हर साल बढ़ रहा हैं, पर हम इस बात से भी इंकार नहीं कर सकते कि जनसंख्या भी साथ में बढ़ रही हैं.
Table of Contents
सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) के महत्व Solar Energy (Saur urja) and its importance in hindi
देश में बिजली का 53% उत्पादन कोयले से किया जाता हैं और ऐसा अनुमान लगाया जाता हैं कि वर्ष 2040 – 2050 तक ये भी समाप्त हो जाएगा. भारत की 72% से अधिक जनता गाँवों में निवास करती हैं और इसमें से आधे गाँव बिना बिजली के ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं. अब भारत ऐसी स्थिति में आ गया हैं कि अब हम ऊर्जा के अधिकाधिक उत्पादन के लिए, ऊर्जा के संरक्षण के क्षेत्र में, उसके नविनीकरण एवं बचाव के लिए कदम उठाए. इस मांग को पूर्ण करने हेतु सौर ऊर्जा का उपयोग सर्वोत्तम उपाय हैं, जिससे हम ऊर्जा की मांग एवं पूर्ति के बीच सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं.

सौर उर्जा क्या है (What is solar energy) :
सामान्य भाषा में सौर ऊर्जा से तात्पर्य सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा से हैं. सूर्य की किरणों को एक बिंदु पर एकत्रित करके जब ऊर्जा उत्पन्न की जाती हैं, तो ये प्रक्रिया सौर ऊर्जा उत्पादन कहलाती हैं. सौर ऊर्जा अर्थात् सूर्य की किरणों को विद्युत में बदलना, चाहे वह पी. वी. [ Photovoltaic ] द्वारा प्रत्यक्ष रूप से हो या सी. एस. पी. [ Concentrated Solar Power ] द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से. सी. एस. पी. में सौर ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु लेंस अथवा दर्पणों और ट्रेकिंग उपकरणों का उपयोग किया जाता हैं और सूर्य प्रकाश के एक बहुत बड़े भाग को एक छोटी सी किरण पर एकत्रित किया जाता हैं. सोलर पॉवर प्लांट इसी तरह कार्य करते हैं.
भारत एक उष्ण – कटिबंधीय देश हैं, जिसके अनेक लाभों में से एक लाभ हमे सूर्य प्रकाश के रूप में भी प्राप्त होता हैं. उष्ण – कटिबंधीय देश होने के कारण हमारे यहाँ वर्ष भर सौर विकिरण प्राप्त की जाती हैं, जिसमें सूर्य प्रकाश के लगभग 3000 घंटे शामिल हैं, जो कि 5000 ट्रिलियन kWh के बराबर हैं. भारत के लगभग सारे क्षेत्रों में 4 – 7 kWh प्रति वर्ग – मीटर के बराबर हैं, जो कि 2300 – 3200 सूर्य प्रकाश के घंटे प्रति वर्ष के बराबर हैं. चूँकि भारत की अधिकांश जनता ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती हैं , अतः वहाँ सौर ऊर्जा की उपयोगिता बहुत हैं. साथ ही विकास की भी संभावनाएँ हैं और अगर सौर ऊर्जा का उपयोग प्रारंभ होता हैं, तो वहाँ घरेलू कामों में कंडों एवं लकड़ियों का प्रयोग होने में भी कमी आएगी. जिससे वायु प्रदुषण भी नहीं होगा.
भारत में सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए विशाल कार्यक्षेत्र उपलब्ध हैं क्योकिं भारत की भूस्थली ऐसे स्थान पर हैं, जहाँ सूर्य प्रकाश पर्याप्त मात्रा में पहुँचता हैं. पृथ्वी की सतह पर प्रति वर्ष पहुँचने वाले सूर्य प्रकाश की मात्रा अत्याधिक हैं. पृथ्वी पर अनेक अनविनीकरणीय पदार्थों, जैसेः कोयले, तेल, प्राकृतिक गैस एवं अन्य खनन द्वारा प्राप्त यूरेनियम पदार्थों का एक वर्ष में जितना उपभोग होता हैं, उसके दोगुने से भी ज्यादा हर वर्ष सूर्य प्रकाश धरती पर पहुंचता हैं और व्यर्थ हो जाता हैं.
सौर ऊर्जा तकनीक (Solar energy technology )-:
सौर ऊर्जा, सौर विकिरणों एवं सूर्य के ताप के प्रयोग द्वारा एक विकसित तकनीक हैं. इसके और भी रूप हैं, जैसे -: सौर ताप, सौर विकिरण और कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण, आदि.
भारत में सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ (Saur urja benefits in india) – :
सौर ऊर्जा से होने वाले फायदों के कारण यह और भी अधिक उचित प्रतीत होता हैं. इसमें से होने वाले कुछ लाभ निम्न – लिखित हैं -:
- सौर ऊर्जा कभी ख़त्म न होने वाला संसाधन हैं और यह अनविनीकरणीय संसाधनों का सर्वोत्तम प्रतिस्थापन हैं.
- सौर ऊर्जा वातावरण के लिए भी लाभकारी हैं. जब इसे उपयोग किया जाता है, तो यह वातावरण में कार्बन – डाई – ऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैस नहीं छोड़ती, तो वातावरण प्रदूषित नहीं होता.
- सौर ऊर्जा अनेक उद्देश्यों हेतु प्रयोग की जाती हैं , जैसे -: उष्णता के लिए, सुखाने के लिए, भोजन पकाने में और बिजली के रूप में, आदि. सौर ऊर्जा का उपयोग कार में, हवाई जहाज में, बड़ी नावों में, उपग्रहों में, केल्कुलेटर में और अन्य उपकरणों में भी इसका प्रयोग किया जाना उपयुक्त हैं.
- चूँकि सौर ऊर्जा एक अनविनीकरणीय ऊर्जा संसाधन हैं. अतः भारत जैसे देशों में जहाँ ऊर्जा का उत्पादन महँगा पड़ता हैं, तो वहाँ ये संसाधन इसका बेहतरीन विकल्प हैं.
- सौर ऊर्जा उपकरण किसी भी स्थान पर स्थापित किया जा सकता हैं. यहाँ तक कि ये घर में भी स्थापित किया जा सकता हैं, क्योंकिं यह ऊर्जा के अन्य संसाधनों की तुलना में यह सस्ता भी पड़ता हैं.
भारत में सौर ऊर्जा से होने वाली हानियाँ (Solar power disadvantages) -:
- हम रात को सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन का कार्य नहीं कर सकते हैं.
- साथ ही दिन में भी जब बारिश का मौसम हो या बादल हो तो सौर ऊर्जा के द्वारा बिजली उत्पादन का कार्य नहीं किया जा सकता. इस कारण हम सौर ऊर्जा पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर सकते.
- केवल वही क्षेत्र सौर ऊर्जा उत्पादन करने में सक्षम हो सकते हैं, जहाँ पर्याप्त मात्रा सूर्य प्रकाश आता हो.
- सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए हमे सौर उपकरणों के अलावा इन्वर्टर तथा इसके संग्रहण के लिए बैटरी की आवश्यकता होती हैं. वैसे तो सौर उपकरण सस्ते होते हैं, परन्तु साथ में उपयोगी इन्वर्टर और बैटरी इसे महंगा बना देते हैं.
- सौर उपकरण आकार में बड़े होते हैं, अतः इन्हें स्थापित करने हेतु बड़े क्षेत्रफल की भूमि की जरुरत होती हैं और एक बार यदि ये उपकरण लग जाये तो वह भू – भाग लम्बे समय के लिए इसी उद्देश्य में काम में लिया जाता हैं और इसका उपयोग किसी और कार्य में नहीं किया जा सकता.
- इस प्रकार उत्पन्न होने वाली ऊर्जा की मात्रा अन्य संसाधनों की तुलना में बहुत ही कम होती हैं, जो हमारी आवश्यकताओ को पूरा करने में असमर्थ हैं.
- सौर उपकरण नाज़ुक होते हैं, जिनके रख – रखाव का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता हैं, जिससे इनके बीमा आदि पर व्यय होने से अतिरिक्त लागत भी होती हैं, जिससे खर्च बढ़ जाता हैं.
भारत में सौर ऊर्जा (Saur urja in india)-:
भारत में भी सौर ऊर्जा के लाभों को ध्यान में रखकर अनेक प्रोजेक्ट प्रारंभ किये गये हैं -:
- भारत के थार मरुस्थल में देश का अब तक का सर्वोत्तम सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया हैं, जो अनुमानतः 700 – 2100 GW ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम हैं.
- 1 मार्च, 2014 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के नीमच जिले में देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट का उदघाटन किया हैं.
- केंद्र सरकार ने ‘ जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सौर ऊर्जा परियोजना [ JNNSM ] ’ को शुरू कर वर्ष 2022 तक 20,000 MW तक ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य निश्चित किया हैं.
सौर उत्पादित वस्तुएँ (Saur urja equipment)-:
सौर ऊर्जा द्वारा तथा इसमें सहायक वस्तुओं व उपकरणों का निर्माण किया गया हैं, जिसमे से कुछ निम्नानुसार हैं -:
- ब्रेनी इको सोलर होम UPS 1100,
- सोलर DC सिस्टम 120,
- सोलर पावर कंडिशनिंग यूनिट,
- PV ग्रिड कनेक्टेड इन्वर्टर्स,
- PWM टेक्नॉलोजी,
- MPPT टेक्नॉलोजी
- सोलर कन्वर्जन किट,
- सोलर शाइन वेव इन्वर्टर,
- सोलर बैटरी,
- सोलर स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम, आदि.
इस प्रकार सौर ऊर्जा हमारे देश में विकसित रूप ग्रहण कर चुकी हैं और हम इससे होने वाले फायदों से लाभान्वित हो रहे हैं.
भारत में सौर उर्जा का गाँवों और शहरों में उपयोग
भारत के गांवों और शहरों में भी सौर उर्जा का उपयोग अब संभव हो गया है. एक समय था जब भारत के अनेक गांवों में बिजली नहीं थी. लेकिन तकनिकी विकास और सौर उर्जा की मदद से आज भारत के अनेक गांवों में बिजली है. हालाँकि आज भी भारत में अनेक गाँव ऐसे है जहाँ पर बिजली नहीं है लेकिन, सौर उर्जा की मदद से गांवो और शहरों में बिजली उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा है और लोग सौर उर्जा की मदद से अपने घर को रौशन करने में सफल हुए है. सौर उर्जा या सौलर पैनल पर सरकार भी भारतियों की काफी मदद कर रही है.
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सौर ऊर्जा पर निबंध, विचार, नारे एवं कविता solar energy essay, quotes, slogan, poem in hindi, solar energy essay in hindi.
दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज हम आपके लिए लाए हैं सौर ऊर्जा पर हमारे द्वारा लिखा आर्टिकल इस आर्टिकल में हम सौर ऊर्जा पर निबंध, कविता, विचार एवं नारे पढ़ेंगे तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को

हमारे पास ऊर्जा के कई स्त्रोत हैं जिनसे हम ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। ऊर्जा यानी कि कार्य करने की क्षमता। आज हम देखें तो इस देश दुनिया में ऊर्जा की आवश्यकता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऊर्जा हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो चुकी है। ऊर्जा के जरिए ही हम कई तरह का मनोरंजन कर सकते हैं और अपनी कई आवश्यकताएं को पूरा भी कर सकते हैं। कई तरह की उर्जा होती हैं जैसे कि नवीनीकृत ऊर्जा एवं अनवीनीकृत ऊर्जा।
आज हम देखें तो ऊर्जा के इन संसाधनों का हम बहुत ही ज्यादा उपयोग कर रहे हैं जिस वजह से आने वाले समय में जरूर ही ऊर्जा संकट हमारे सामने उत्पन्न हो सकता है और आने वाले समय में हो सकता है कि हमको ऊर्जा प्राप्त ना हो सके।
ऊर्जा के कई साधनों में से एक ऊर्जा है सौर ऊर्जा। यह ऊर्जा हमें सूर्य से प्राप्त होती है। सूर्य से प्राप्त होने के कारण ही इसे सौर ऊर्जा कहते हैं। सौर ऊर्जा एक ऐसी ऊर्जा है जो कभी भी खत्म नहीं होगी क्योंकि यह सूर्य से हमें प्राप्त होती है। हमारे भारत देश में जहां गर्मी भी कहीं अधिक पड़ती है वहां सौर ऊर्जा हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है क्योंकि यह एक ऐसी ऊर्जा है जिस के कई लाभ हैं और इससे किसी भी तरह का प्रदूषण भी नहीं होता है।
हम सोलर पैनल के माध्यम से ऊर्जा को एकत्रित करके बिजली पैदा कर सकते हैं और इस ऊर्जा को अपने उपयोग में ले सकते हैं। बिजली के जरिए हम हमारे दैनिक जीवन में उपयोग में लिए जाने वाले उपकरणों को चला सकते हैं वास्तव में सौर ऊर्जा काफी महत्वपूर्ण ऊर्जा हो सकती है क्योंकि यह कभी भी खत्म नहीं होगी।
आज हम देखें तो जो हमें विद्युत प्राप्त होती हैं वह कोयला और पानी से बनती है लेकिन हो सकता है कि आने वाले समय में यह हमको प्राप्त ना हो पाए, हमें इसकी बचत करनी होगी लेकिन सौर ऊर्जा हमको हमेशा प्राप्त हो सकती हैं क्योंकि यह सूर्य की रोशनी से बनती है वास्तव में सौर ऊर्जा हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण ऊर्जा है।
आज सौर ऊर्जा के महत्व को देखते हुए कई देशों में सोलर पैनल के द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करने की ओर विशेष ध्यान दिया गया है यह सौर ऊर्जा उन देशों के लिए काफी लाभदायक या महत्वपूर्ण हो सकती हैं जिन देशों में सूर्य की रोशनी अधिक पड़ती है या गर्मी अधिक होती है लेकिन उन देशों के लिए यह उपयोग में नहीं ली जा सकती है जहां पर बरसात या ठंड का मौसम अधिक होता है वास्तव में सौर ऊर्जा का उपयोग करके हम कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
सौर ऊर्जा का उपयोग करके हम अपने कपड़े सुखा सकते हैं इसी के साथ में इसका उपयोग करके हम सोलर पैनल के द्वारा विद्युत उत्पन्न कर सकते हैं और उस विद्युत का उपयोग हम कई उपकरणों को चलाने में कर सकते हैं।
इसका उपयोग करके हम प्रदूषण से भी बच सकते हैं क्योंकि सौर ऊर्जा के द्वारा किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होता है।
सौर ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए सौर ऊर्जा के उपकरण को किसी भी स्थान पर हम स्थापित कर सकते हैं।
सौर ऊर्जा का उपयोग करके हम ऊर्जा के संकट से बच सकते हैं और जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
सौर ऊर्जा के वास्तव में कई लाभ हैं लेकिन दूसरी ओर देखें तो इसकी कुछ हानियां भी हैं दरअसल सौर ऊर्जा से हम रात के समय बिजली उत्पादन नहीं कर सकते क्योंकि रात के समय सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती।
सौर ऊर्जा को उत्पन्न करने वाले उपकरण जैसे कि सोलर पैनल थोड़े महंगे होते हैं जिसकी वजह से हर कोई इनका उपयोग नहीं कर पाता।
सौर ऊर्जा एक ऐसी ऊर्जा है जो हमें सूर्य की रोशनी से मिलती है इसीलिए जब आकाश में बादल दिख रहे हो यानी बरसात का मौसम हो या धूप ना हो तो सौर ऊर्जा से उर्जा उत्पन्न नहीं की जा सकती इसलिए यह हमारे लिए हर समय उपयोगी नहीं होती है।
वास्तव में सौर ऊर्जा का हमें उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसके कई लाभ हैं हम सौर ऊर्जा का उपयोग करके ऊर्जा के संकट से बच सकते हैं और कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सौर ऊर्जा आने वाले समय में वास्तव में हमारे लिए काफी लाभदायक होगी।
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- सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त एक ऐसी ऊर्जा है जो प्रकृति ने हमें उपहार स्वरूप दी है।
- सौर ऊर्जा का महत्व समझकर हम आने वाले भविष्य में ऊर्जा संकट से बच सकते हैं।
- गर्मियों में यदि बिजली का बिल आपको बहुत परेशान करता है तो सौर ऊर्जा आपकी काफी मदद कर सकती है।
- कई विदेशी लोग भी सौर ऊर्जा के महत्व को समझ कर इसका उपयोग करते हैं।
- कई ऊर्जा खत्म हो सकती हैं लेकिन सौर ऊर्जा कभी भी खत्म नहीं होगी।
- बदलते इस आधुनिक जमाने में सौर ऊर्जा का उपयोग बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है।
- सौर ऊर्जा अपनाओ तुम बिजली का बिल बचाओ तुम
- सौर ऊर्जा अपनाएंगे जीवन में आगे बढ़ते जाएंगे
- सौर ऊर्जा याद आती है बिजली के बिल से छुटकारा दे जाती है
- सौर ऊर्जा अपनाएंगे देश को ऊर्जा संकट से बचाएंगे
- आओ हम सब आगे बढ़े सौर ऊर्जा का उपयोग करते चलें
- सौर ऊर्जा बचत करवाएगी जीवन में राहत दे जाएगी।
poem on solar energy in hindi
सौर ऊर्जा का उपयोग हम करें
जीवन में आगे बढ़ते चले
अब हम ना रुके
ऊर्जा संकट से हम बचे
सौर ऊर्जा कभी खत्म ना होगी
लाभ हमको देती रहेगी
सौर ऊर्जा का उपयोग करें
जीवन में हम बढ़े चलें
सौर ऊर्जा से बिजली बनेगी
रात में भी उजाला करती रहेगी
कोयला पानी की बचत होगी
इनकी अब कम खपत होगी
- अक्षय ऊर्जा पर निबंध Akshay urja essay in hindi
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kamlesh kushwah
It very right poem I like this poem
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सौर ऊर्जा सूर्य विद्युच्चुम्बकीय विकिरण उत्पन्न करता है जिसका उपयोग ऊर्जा के रूप में किया जा सकता है।
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