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Anorexia Nervosa
Anorexia nervosa health center.

Dr. Anurag Shahi (AIIMS) MBBS,MD November 26, 2018
March 06, 2020.

What is Anorexia Nervosa?
Anorexia nervosa is an eating disorder as well as a mental illness wherein one’s desire to lose weight leads to inappropriately low body weight. The patient is observed to have distorted ideas of a healthy body and works hard in order to lose weight. Though anorexia nervosa generally begins during adolescence, it is also observed amongst younger children and adults.
What are the main signs and symptoms of Anorexia Nervosa?
- Eating behaviour symptoms:
- Extremely restricted diet, in spite of being thin
- Habitual avoidance of meals with irrational excuses
- Obsession with food and calories while eating very little
- Often pretending to have meals or resorting to lying about eating food
- Appearance and body shape symptoms:
- Sudden, drastic weight loss
- A delusion of being overweight
- Extreme image consciousness to the point of being obsessive
- Constantly self-critical of body and appearance
- Symptoms of purging:
- Over-exercising
- Forceful vomiting after eating
- Use of pills (e.g., laxatives) in order to lose weight
- Warning signs and symptoms to watch out for: depression , anxiety , brittle bones and nails, severe loss of hair, frequent fainting .
What are the main causes of Anorexia Nervosa?
Anorexia does not have a single cause, but is a multifactorial disorder.
- Common contributing factors:
- Perfectionism, obsessive and competitive family traits
- Family conflicts
- Academic pressures
- History of eating disorders among family members
- Precipitating factors:
- Abusive childhood
- The onset of puberty or adolescence
How is Anorexia Nervosa diagnosed and treated?
- Criteria for diagnosis:
- The individual does not maintain body weight at or above the minimally normal weight for a particular age and height
- Extreme, unrealistic fear of gaining weight in spite of being underweight
- A distorted idea of one’s appearance in relation to body weight and shape
- In females who have had the onset of menstruation, a minimum of 3 months of no menstruation
- Hospital admission involving refeeding in order to achieve weight gain is a measure taken for early intervention. This is preferable for young children and teenagers.
- A second approach involves dietary expert advice along with psychotherapy. Here, the family members take responsibility for re-feeding. The results are achieved much slower with this method, but weight gain is more likely to be maintained.
- Psychotherapy for anorexia involves long-term, complex treatments including cognitive and behavioural therapy with an emphasis on cognitive restructuring and added supportive therapy. Supportive therapy is essential in maintaining a healthy therapeutic relationship, whereby the factors leading to anorexia nervosa may be examined and addressed.

- Janet Treasure, June Alexander. Anorexia Nervosa . Routledge, 2013 178 pages
- Evelyn Attia, B. Timothy Walsh. Anorexia Nervosa . Am J Psychiatry 164:12, December 2007.
- Jane Morris et al. Anorexia nervosa . BMJ. 2007 Apr 28; 334(7599): 894–898. PMID: 17463461
- HelpGuide. Anorexia Nervosa . [internet]
- Randy A. Sansone et al. A Primer on Psychotherapy Treatment of Anorexia Nervosa in Adolescents . Psychiatry (Edgmont). 2005 Feb; 2(2): 40–46. PMID: 21179635
Doctors for Anorexia Nervosa

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Medicines for Anorexia Nervosa
Medicines listed below are available for Anorexia Nervosa. Please note that you should not take any medicines without doctor consultation. Taking any medicine without doctor's consultation can cause serious problems.
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Anorexia Nervosa: भूख से तड़पने पर भी खाना नहीं खाता व्यक्ति, जा सकती है जान भी
ऐनोरेक्सिया नर्वोसा ईटिंग डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति वजन बढ़ने के डर से खुद को भूखा रखने के साथ ही, खाना खाने पर उल्टी कर पूरा भोजन बाहर निकाल देता है।.

ऐनोरेक्सिया नर्वोसा एक मानसिक बीमारी है जो ईटिंग डिसऑर्डर से जुड़ी है। यह व्यक्ति की जान जाने का कारण भी बन सकती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति पर हमेशा वजन बढ़ने का डर हावी रहता है जिसके चलते वह खाना तक छोड़ देता है। अगर वह खाना खा भी ले तो उसे जबरन उल्टी कर या तो बाहर निकाल देता है या फिर हद से ज्यादा एक्सर्साइज करता है। ऐसे लोगों का वजन बहुत ही ज्यादा कम होता है। कुछ लोगों की तो हड्डियां तक दिखने लगती हैं, बावजूद इसके वह वजन कम करने में लगे रहते हैं। ऐनोरेक्सिया के दो प्रकार होते हैं बिंज/पर्ज टाइप ऐनोरेक्सिया के इस प्रकार से पीड़ित व्यक्ति खुद पर खाने को लेकर लगाई गई पाबंदी को तोड़ देने पर वह ग्लानी से भर जाता है। वजन बढ़ने के डर से वह हद से ज्यादा व्यायाम, जबरन उल्टी करने या लैक्सैटिव्स का सहारा लेता है। रेस्ट्रिक्टिव इस प्रकार में व्यक्ति खुद पर खाने से संबंधित रेस्ट्रिक्शन यानी रोक लगाता है। उसे कितनी कैलरीज खानी है या फैट लेना है इस सब को लेकर वह खुद पर काफी सख्त होता है। कैलरीज या फैट गेन के डर से इस ऐनोरेक्सिया के इस प्रकार से पीड़ित लोग खुद को भूखा तक रखते हैं या फिर एक या दो बाइट से ज्यादा नहीं खाते। लक्षण - वजन काफी ज्यादा कम हो जाना - ब्लड काउंट असामान्य रहना - थकान व नींद न आना - चक्कर आना, बार-बार बेहोश होना - नाखून नीले पड़ जाना या उनका रंग बदल जाना - पीरियड्स समय पर न होना - मौसम में बदलाव सहन न कर पाना पढ़ें: ईटिंग डिसऑर्डर: जानें लक्षण और कारण से लेकर इलाज के बारे में सबकुछ - त्वचा का पीला पड़ जाना - पेट में लगातार दर्द बने रहना - चिड़चिड़ा हो जाना - खाने से दूरी बनाना - पार्टी आदि में जाने से कतराना - साथ में खाना न खाना - डिप्रेशन में जाना - हमेशा थकान महसूस करते रहना इलाज ऐनरोक्सिया से ठीक होने के लिए ईटिंग डिसऑर्डर स्पेशलिस्ट, काउंसलर, थैरपिस्ट, फिजिशियन व न्यूट्रिशनिस्ट की मदद लेने का सुझाव दिया जाता है। इस दौरान मरीज की काउंसलिंग कर उसे वजन बढ़ने के मानसिक डर से उबरने में मदद की जाती है। इस दौरान फिजिशियन बॉडी के आइडियल वेट को अचीव करने वहीं न्यूट्रिशनिस्ट प्रॉपर डायट को प्लान करने में मदद करते हैं।
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एनोरेक्सिया क्या है। Anorexia Nervosa in Hindi
हिन्दी Tamil
Anorexia Nervosa in Hindi
एनोरेक्सिया एक तरह की खाने की बीमारी है। इसे एनोरेक्सिया नर्वोसा भी कहा जाता है। इस बीमारी में शरीर का वजन बढ़ने का अधिक खतरा बना रहता है। व्यक्ति को वजन के प्रति गलत अवधारणाएं होती है। एनोरेक्सिया से पीड़ित लोग अपने वजन और आकर को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न प्रयास करते है। जो उनके जीवन की गतिविधिया के साथ शामिल करते है। शरीर का वजन को कम करने या शरीर के वजन एक ही आकर में रखने के लिए एनोरेक्सिया से पीड़ित लोग अपने भोजन को लेकर बहुत सक्रीय रहते है। गंभीर रूप से ध्यान रखते है। चलिए एनोरेक्सिया के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते है।
एनोरेक्सिया क्या है ? (What is Anorexia Nervosa in Hindi)
- एनोरेक्सिया के प्रकार ? (Types of Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया के कारण क्या है ? (What are the Causes of Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया के लक्षण क्या है (what are the symptoms of anorexia nervosa in hindi).
- एनोरेक्सिया का परिक्षण ? (Diagnosis Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया का इलाज क्या है ? (What are the Treatments for Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया एक मानसिक अवस्था है। जिसमे व्यक्ति अपने वजन को लेकर बहुत अधिक संजीदा हो जाते है। ऐसे में लोग अत्यधिक डाइटिंग व व्यायाम का सहारा लेते है। ऐसे में व्यक्तियों को लगता है की अगर वो भोजन का सेवन करेंगे तो मोटे हो जाएंगे। जिसके कारण उनका खान-पान का समय गलत हो जाता है। खानपान में अनियमित एव कम खुराक लेने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
एनोरेक्सिया के प्रकार ? (Types of Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया के दो प्रकार होते है।
- प्रतिबंधित एनोरेक्सिया : – इस प्रकार में लोग अपने भोजन के प्रतिबंध बहुत लगाते है। ऐसे लोग हमेशा अपनी कैलोरी को गिनते है। भोजन नहीं करना, कार्बोहैा ड्रेड पदार्थ सीमित रखना, केवल रंगो वाले भोजन करना व अत्यधिक व्यायाम करना इत्यादि करने लगते है।
- अत्यधिक खाने वाले एनोरेक्सिया :- इस प्रकार में लोग भी भोजन पर प्रतिबंध लगाते है। किंतु इसमें भोजन में नियंत्रण कर अधिक मात्रा में भोजन शामिल करते है। भोजन की क्षतिपूर्ति करने के लिए व्यक्ति उल्टी करता है व एनीमिया का दुरुपयोग करता है। यह व्यवहार व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वस्थ कर देता है। यह जानलेवा भी हो सकता है।
एनोरेक्सिया सटीक कारण शोधकर्ताओं को अभी तक ज्ञात नहीं हो पाया है। किंतु ऐसा माना जाता है। यह अन्य रोगो की तरह से व्यक्ति को नुकसान पहुँचाता है।
- जैविक :- किसी व्यक्ति के शरीर में अनुवांशिक परिवर्तन हो सकते है। जो उन्हें एनोरेक्सिया विकसित करने के लिए अधिक ग्रस्त कर सकता है। कुछ लोगो में यह रोग संवेदनशील होते है। यह अनुवांशिक प्रवृत्ति भी हो सकते हैं।
- पर्यावरण :- आजकल बाहरी संस्कृति लोगो पर बहुत तेजी से हावी होती जा रही है। लोग अधिक पतला बराबर होने की कोशिश में एनोरेक्सिया की चपेट में आ जाते है।
- मनोवैज्ञानिक :- कई तरह की भावनात्मक कारक एनोरेक्सिया का कारण बन सकता है। महिलाओं में भूख लगने पर भी भोजन नहीं करना व भोजन बहुत कम करना मनोवैज्ञानिक लक्षण हो सकते है। शरीर का वजन कम करने के लिए अपने भोजन पर प्रतिबंध लगा देते है।
- कुछ अन्य कारक :- लड़कियों और महिलाओं में एनोरेक्सिया बहुत आम बात होती है।
- जीन में परिवर्तन होने के कारण एनोरेक्सिया के जोखिम डाल सकते है।
- परिवारिक इतिहास यानि माता-पिता के ग्रस्त होने से उच्च मात्रा एनोरेक्सिया का जोखिम हो सकता है।
एनोरेक्सिया के निम्लिखित लक्षण है।
- मासिक धर्म की अक्षमता होना।
- चरम वजन घटना।
- बेहोशी आना।
(और पढ़े – चक्कर क्यों आते है और चक्कर आने के कारण क्या है )
- कब्ज की समस्या होना।
- थकान महसूस होना।
- अनिद्रा होना।
(और पढ़े – अनिद्रा के कारण क्या है और अनिद्रा का इलाज क्या है )
एनोरेक्सिया का परिक्षण ? (Diagnosis Anorexia Nervosa in Hindi)
एनोरेक्सिया का परिक्षण डॉक्टर निम्लिखित तरीको से करते है। जिसमे प्रयोगशाला परीक्षण, शारीरिक परीक्षण, मनोवज्ञानिक परिक्षण, अन्य परीक्षण इत्यादि शामिल होते है। यह सब परीक्षण एनोरेक्सिया से निदान दिलाने के लिए किया जाता है।
एनोरेक्सिया का इलाज चिकिस्तक विभिन्न तरीको से करते है।
- मनोचिकिस्तक एनोरेक्सिया से पीड़ित लोगो का ध्यान केंद्रित करते है। उनके व्यवहार में थेरेपी के द्वारा बदलाव करने की कोशिश करते है। जिससे मरीजों को भोजन खाने की ललक लगे और वह पौष्टिक आहार का सेवन करे।
- इसके उपचार में चिकिस्तक कुछ दवाओं की खुराक भी देते है। जिससे मरीज की चिंता व तनाव दूर हो सके।
- अगर वजन में अधिक गिरावट दिखाई देती है तो चिकिस्तक तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती होने की सलाह देते है। जिससे कुपोषण का सही तरीके से इलाज हो सके।
अगर आपको एनोरेक्सिया के बारे में अधिक जानकारी एव इलाज करवाना हो तो तुरंत चिकिस्तक ( General Physician ) से संपर्क करे।

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एनोरेक्सिया नर्वोसा (anorexia nervosa)
एनोरेक्सिया के लक्षण (symptoms of anorexia), एनोरेक्सिया के कारण (causes of anorexia), एनोरेक्सिया का पता लगाना (diagnosing anorexia), एनोरेक्सिया का इलाज (treating anorexia), सहायता लेना (getting help), जटिलताएँ (complications), एनोरेक्सिया नर्वोसा क्या है (what is anorexia nervosa).
एनोरेक्सिया नर्वोसा (anorexia nervosa) एक गंभीर मानसिक स्थिति है। यह एक खाने का विकार है जहां एक व्यक्ति अपना वजन जितना हो सकता है कम रखता है।
एनोरेक्सिया (anorexia) से बीमार लोग आमतौर पर ऐसा खाने की मात्रा पर नियंत्रण रखकर, उल्टी करके और अत्यधिक व्यायाम करके करते हैं।
यह हालत अक्सर शरीर के आकार और वज़न की चिंता को लेकर पैदा होती है। जिसकी शुरूआत मोटापे के डर या पतले रहने ही इच्छा से होती है। एनोरेक्सिया वाले लोगों के दिमाग में खुद की एक खराब इमेज होती है जहां वो सोचते हैं कि वो मोटे हैं पर ऐसा होता नहीं है।
सामान्य रूप से एनोरेक्सिया सबसे ज़्यादा औरतों और लड़कियों पर असर करता है। हालांकि हाल के वर्षों में ये आदमियों और लड़कों में ज़्यादा सामान्य हुआ है। यह स्थिति पहली बार 16-17 साल की उम्र में विकसित होती है।
एनोरेक्सिया के लक्षण और संकेत (Signs and symptoms of anorexia)
एनोरेक्सिया से ग्रस्त लोग परिवार और दोस्तों से बहुत उन्होंने क्या खाया ह, या नहीं खाने के बावजूद ये बोलकर कि पहले ही खा चुका हूँ, अपने बर्ताव को छिपाते हैं।
एनोरेक्सिया या अन्य किसी खाने से सम्बंधित बीमारी के लक्षणों और संकेतों में ये शामिल हैं:
- खाना भूल जाना, बहुत कम खाना या किसी भी वसा युक्त भोजन से बचना
- खाने में कैलोरी की मात्रा को जुनून की तरह गिनना
- खाने के बाद टेबल छोड़ देना ताकि वो उल्टी कर सकें
- भूख मारने वाली दवाओं , लैक्सटिव (laxative) या ड्यूरेटिक (diuretics) (एक प्रकार की दवाई जो आपके शरीर से द्रव्य निकालने में मदद करती है) का सेवन
- बार-बार खुद का वज़न करना या आईने में देखना
- शारीरिक समस्या जैसे कि चक्कर आना, बाल झड़ना या त्वचा खुरदुरी होना
एनोरेक्सिया से अन्य मानसिक परेशानियाँ भी हो सकती है। जैसे डिप्रेशन (depression), चिंता (anxiety), आत्मविश्वास की कमी (low self-esteem), शराब का गलत इस्तेमाल और खुद को नुकसान पहुँचाना।
मदद लेना (Getting help)
एनोरेक्सिया से ग्रस्त लोग अक्सर मदद नहीं लेते हैं शायद इसलिए क्योंकि वो डरे होते हैं या वो अपनी परेशानी को नहीं पहचानते हैं। बहुत से लोग अपनी हालत लंबे समय तक छिपाए रखते हैं। कभी-कभी सालों तक।
एनोरेक्सियासे बीमार किसी इंसान के लिए सबसे ज़रूरी यह मानना है कि उसे मदद की ज़रूरत है और वो ठीक होना चाहता है।
अगर आपको लगता है आप किसी को जानते हैं जिसे एनोरेक्सिया है तो उनसे उनकी परेशानी के बारे में बात करिये और मदद कर उनका हौसला बढ़ाइए।
यह बातचीत बहुत मुश्किल हो सकती है क्योंकि वो अपना बचाव कर सकते हैं और यह मानने से इनकार कर सकते हैं कि उन्हें कोई परेशानी है। यह ज़रूरी है कि आप उनकी आलोचना न करें या उनपर दबाव ना बनाएं; यह चीज़ों को और खराब कर सकता है।
अगर आपको लगता है कि आपको एनोरेक्सिया है तो जितनी जल्दी हो सके इलाज कराएँ। आप उस इंसान से बात करके शुरुआत कर सकते हैं जिसपर आप सबसे ज़्यादा भरोसा करते हैं। जैसे आपके परिवार का सदस्य, दोस्त या शायद आप उनसे खुद को डॉक्टर के पास ले चलने की बात कर सकते हैं।
खाने से संबंधित बीमारी में सहयोग और खाने की बीमारी वाले बच्चे के माता-पिता के लिए सलाह के बारे में और पढ़ें।
एनोरेक्सिया का इलाज किया जाए उससे पहले खाने के विकार के विशेषज्ञ या डॉक्टर शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक ज़रूरतो पर ध्यान देंगे। ये उन्हें देखभाल की एक उचित योजना बनाने में मदद करेगा।
अधिकतर मामलों में, मनोवैज्ञानिक इलाज और सुरक्षित रूप से वजन बढ़ाने में सहायक खाने और पोषण के अनुरूप सलाह शामिल होती है।
बहुत से अलग-अलग स्वास्थ्य प्रशिक्षकों की श्रेणी आपके इलाज में शामिल होगी। जैसे डॉक्टर, मनोचिकित्सक (psychiatrist), प्रशिक्षित नर्स और डाइटीशियन (dietitian)।
बहुत से लोगों का इलाज आउट पेशेंट आधार पर किया जाता है जिसका मतलब है आप अपॉइंटमेंट के बीच में घर जा सकते हैं। बहुत गंभीर मामलों का इलाज अस्पताल या विशेषज्ञ के ईटिंग डिसऑर्डर क्लिनिक में होता है।
एनोरेक्सिया का पता लगाने और उसका इलाज करने के बारे में और पढ़ें।
आउटलुक (Outlook)
एनोरेक्सिया से पूरी तरह ठीक होने में कई साल लग सकते हैं और इसका दोबारा आना सामान्य है। उदाहरण के लिए एक महिला गर्भावस्था के दौरान बढ़े वज़न को कम करने की कोशिश करती है, तो हो सकता है उसकी हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ जाए।
लगभग आधे लोग जिन्हें एनोरेक्सिया होता है उनमें इलाज के बाद भी खाने की किसी ना किसी स्तर की परेशानी रहती है।
अगर एनोरेक्सिया का लम्बे समय तक इलाज नहीं होता है तब कई अन्य गंभीर परेशानियां विकसित हो सकती हैं। जिसमें हड्डियों का कमज़ोर होना (osteoporosis), बांझपन (infertility), अनियमित हृदयगति (irregular heart beat) और अन्य हृदय की समस्याएं शामिल हैं।
एक असामान्य स्थिति होने के बावजूद, एनोरेक्सिया मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। यह कुपोषण के प्रभाव के कारण या आत्महत्या के परिणामस्वरूप हो सकता है।
एनोरेक्सिया (anorexia) से जुड़ी संभावित परेशानियों के बारे में और पढ़ें।
एनोरेक्सिया (anorexia) का मुख्य लक्षण जानबूझकर बहुत ज़्यादा वज़न कम करना है। हालांकि कोई समस्या होने के होने के कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक संकेत होते हैं।
जान बूझकर वज़न कम करना (intentional weight loss)
एक व्यक्ति जिसे एनोरेक्सिया है वह अपना वजन जितना संभव हो उतना कम करना चाहता है। जो उनकी उम्र और हाइट के अनुसार बहुत कम होता है। वह वज़न बढ़ने से घबराते हैं इसलिए वह सामान्य रूप से भोजन नहीं करते हैं।
वज़न कम करने के प्रयास में वे कर सकते हैं :
- खाना भूल जाना, कम खाना या वसायुक्त भोजन से बचाव
- कब और क्या खाया इस बारे में झूठ बोलना
- जुनूनी तौर पर खाने में कैलोरी की गिनती करना
- अपने वज़न के बारे में झूठ बोलना
- बहुत ज़्यादा व्यायाम करना
- भूख मारने वाली दवाई खाना जैसे कि पतला करने वाली या डाइट पिल्स
खुद से उल्टी करना : आप देख सकते हैं कि वह खाना खाने के तुरंत बाद टेबल छोड़ देते हैं या दांत से जुड़ी समस्या हो जैसे कि दांत का सड़ना और कच्ची डकार जो उल्टी के एसिड के कारण होती है।
वह लेसाटिव (laxative) या ड्यूरेटिक (diuretics) ले सकते हैं; यह दवा शरीर से द्रव्य निकालती है। हालांकि हकीकत में इनका खाने से अवशोषित कैलोरी पर बहुत कम असर पड़ता है।
आत्मसम्मान, बॉडी इमेज और भावनाएं (Self-esteem, body image and feelings)
एनोरेक्सिया से बीमार लोग मानते हैं कि व्यक्ति के रूप में उनका मूल्य उनके वज़न और वो कैसे दिखते हैं इस बातपर टिका है। वे ये सोच सकते हैं कि अगर वो पतले होते तो लोग खुश होते और उन्हें ज़्यादा पसन्द करते और उनके तेज़ी से वज़न घटने को सकारात्मक रूप से देखते हैं।
वे हमेशा अपने आपको खराब नज़र से देखते हैं उन्हें लगता है कि वो मोटे हैं जबकि वह नहीं होते हैं।
कुछ लोग जिन्हें एनोरेक्सियाहोता है वह ढीले-ढाले कपड़े पहनकर छिपाने लगते हैं कि वह कितने पतले हैं।
इस विकार से ग्रस्त लोग एक प्रकार का बर्ताव भी करते हैं जिसे "बॉडी चेकिंग" कहते हैं, जिसमें ये सब लगातार और बार-बार शामिल होता है:
- खुद का वजन करना
- खुद की माप करना जैसे कि कमर की माप
- खुद के शरीर को शीशे में देखना
एनोरेक्सिया लोगों में आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की कमी का कारण होता है। वे रिश्तों से अलग हो जाते हैं। परिवार और दोस्तों से दूर हो जाते हैं। और उन चीज़ों में दिलचस्पी घटने लगती हैं जिसमें पहले उन्हें मज़ा आता था।
एनोरेक्सिया व्यक्ति के स्कूल के काम और नौकरी के प्रदर्शन पर भी असर डालता है।
एनोरेक्सिया (anorexia) के अन्य संकेत
लम्बे समय तक कम खाना इन लक्षणों का कारण बन सकता है जैसे कि
- सूजन (bloating) और कब्ज (constipation)
- सिरदर्द (headache)
- चक्कर आना (feeling lightheaded or dizzy)
- बहुत कमज़ोर महसूस करना (feeling very tired)
- ज़ुकाम होना (feeling cold)
- खराब संचलन (poor circulation) के कारण हाथ और पैर के रंग फीके पड़ना
- खुरदरी त्वचा (dry skin)
- खोपड़ी से बाल झड़ना
- पेट दर्द (abdominal pain)
- नींद की समस्या (sleeping problems)
- शरीर पर पतले बाल (lanugo) बढ़ना
- नाखून टूटना
एनोरेक्सिया से ग्रस्त बच्चों में, यौवन संबंधित विकास में देरी हो सकती है। वे अपेक्षा से कम वजन प्राप्त कर सकते हैं - वे अपनी उम्र के अन्य लोगों की तुलना में छोटे हो सकते हैं।
एनोरेक्सिया (anorexia) वाली महिलाओं और बड़ी उम्र की लड़कियों का मासिक धर्म रुक सकता है जिसे एमेनोरिया (amenorrhea) या एब्सेंट पीरियड (absent period) कहते हैं।
एनोरेक्सिया नर्वोसा (anorexia nervosa) की परेशानियों के बारे में और पढ़ें।
एनोरेक्सिया (anorexia) का ठीक- ठीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है यह कई कारकों का मिला जुला परिणाम हो सकता है।
मनोवैज्ञानिक कारक (psychological factors)
बहुत से लोग जिन्हें एनोरेक्सिया होता है उनमें बर्ताव और व्यक्तित्व के कुछ ख़ास लक्षणों को देखा जा सकता है, जो उनमें स्थिति के विकास में और मदद कर सकती है। जिसमें ये शामिल हैं:
- डिप्रेशन और चिंता होने की संभावना
- तनाव को नियंत्रित करने में परेशानी होना
- अपने भविष्य को लेकर बुरी तरह चिंतित और डरा हुआ महसूस करना
- पर्फेक्शनिज़्म : कठोर लक्ष्य और मानक निर्धारित करना
- भावनात्मक रूप से दबाया हुआ महसूस करना
- जुनून और मजबूरी की भावनाएं, लेकिन जरूरी नहीं कि जुनूनी बाध्यकारी विकार - अवांछित विचार, चित्र या आग्रह जो उन्हें कुछ कार्य करने के लिए मजबूर करते हैं
यह भी सुझाव दिया गया है कि एनोरेक्सिया वाले कुछ लोगों में मोटा होने का अत्यधिक डर (phobia) होता है।
वातावरणीय कारक (environmental factors)
यौवन एक महत्वपूर्ण वातावरणीय कारक है जो एनोरेक्सिया में योगदान देता है। यह हार्मोनल परिवर्तन और तनाव, चिंता और यौवन के दौरान आत्मसम्मान में कमी महसूस करने के कारण होता है।
पाश्चात्य संस्कृति और समाज भी अपना किरदार निभाते हैं। लड़कियों और कुछ हद तक, लड़कों को मीडिया संदेशों की एक विस्तृत श्रृंखला से अवगत कराया जाता है जो इस विचार को लगातार मजबूत करते हैं कि पतला होना सुंदर है।
पत्रिकाएं और समाचार पत्र मशहूर हस्तियों की मामूली शारीरिक खामियों जैसे कुछ पाउंड वज़न हासिल करना या सेल्युलाईट पर भी ध्यान देते हैं।
अन्य वातावरणीय कारक जो एनोरेक्सिया में योगदान देते हैं उनमें ये शामिल हैं:
- स्कूल में दबाव और तनाव जैसे परीक्षा और परेशान किया जाना विशेष रूप से शरीर के वज़न और आकार का मज़ाक बनाना
- काम या शौक जहां पतले होने को आदर्श माना जाता है जैसे नाचना और एथलेटिक्स
- तनाव से भरे जीवन की व्यवस्था जैसे नौकरी का जाना, रिश्ते का टूटना या धोखा मिलना
- पारिवारिक रिश्तों में परेशानी
- शारीरिक और यौन दुर्व्यवहार
एनोरेक्सिया आमतौर पर डाइटिंग से शुरू होती है लेकिन धीरे-धीरे ये नियंत्रण के बाहर चली जाती है।
बायोलॉजिकल और जेनेटिक कारक (biological and genetic factors)
यह कहा गया है एनोरेक्सिया में दिमाग की क्रिया और हार्मोनल स्तर में बदलाव की भी भूमिका होती है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है अगर यह एनोरेक्सिया की तरफ ले जाते हैं या बाद में कुपोषण की वजह से होते हैं।
यह परिवर्तन दिमाग के उस हिस्से पर प्रभाव डाल सकता है जो भूख को नियंत्रित करता है या जब खाने में चूक हो जाती है या अत्यधिक व्यायाम के बाद भोजन करते हैं तो चिंता और अपराधबोध की भावना पैदा हो सकती है।
किसी व्यक्ति में एनोरेक्सिया होने का खतरा खाने के विकार, डिप्रेशन या पदार्थ के दुरुपयोग के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों में अधिक माना जाता है, जो बताता है कि जीन एक भूमिका निभा सकते हैं।
जब आप यह तय करना चाहते हैं कि क्या आपको कोई खाने का विकार है तब आपका डॉक्टर आपसे आपके वज़न और खाने की आदत के बार में सवाल पूछ सकते हैं।
उदाहरण के लिए वह पूछ सकते हैं:
- अगर हाल ही में आपका वज़न बहुत कम हुआ हो
- आप अपने वज़न के बारे में क्या महसूस करते हैं और आपको इसके बारे में कोई चिंता हो
- अगर आप नियमित उल्टी करते हैं
- या आपका मासिक रुक गया हो अगर हां तो कितने लम्बे समय से रुका है
- अगर आपको लगता है कि आपको खाने की समस्या है
इन सवालों का सही से जवाब देना बहुत ज़रूरी है आपके डॉक्टर आपको आंकने या आपको लेकर राय बनाने का प्रयास नहीं करते हैं वह बस ठीक से आपकी स्थिति का पता लगाना चाहते हैं।
वज़न और बीएमआई (weight and BMI)
आपके डॉक्टर आमतौर पर आपके वज़न की जांच करेंगे । एक व्यक्ति जिसे एनोरेक्सिया नर्वोसा होता है उसका वजन उसकी उम्र के सामान्य वज़न और हाइट से लगभग 15% कम होता है।
आपके डॉक्टर आपके बॉडी मास इंडेक्स की गणना करेंगे। वयस्कों के लिए स्वस्थ बीएमआई (BMI) 18.5 से 24.9 होता है लेकिन कभी-कभी डॉक्टर चिंतित हो सकते हैं अगर व्यक्ति का BMI 20 से कम है। वयस्क जिन्हें एनोरेक्सिया होता है उनका BMI सामान्य रूप से 17.5 से कम होता है।
BMI 18 वर्ष से कम उम्र के लिए नहीं बना है एक विशेष चार्ट जिसे सेंटाईल चार्ट कहते हैं, इस समूह के लिए उसकी ज़रूरत पड़ती है।
अन्य जांच (Other tests)
आपके डॉक्टर को एनोरेक्सिया का पता लगाने के लिए अन्य जांच करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है लेकिन वो आपकी नब्ज़ और रक्तचाप (blood pressure), शरीर का तापमान और हाथ-पैर की जांच करने के लिए कह सकते हैं, ताकि पता लग सके कि कहीं कोई एनोरेक्सिया की वजह से समस्या तो नहीं है।
आपके डॉक्टर आपको कुछ शारीरिक व्यायाम करने के लिए कह सकते हैं जैसे कि देर तक बैठने के बीच में घूमते-फिरते रहना और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए स्वाटिंग और स्टैंडिंग करना।
अगर आपको एनोरेक्सिया है तो आपको हृदय की समस्या होने का बहुत खतरा है जैसे अनियमित हृदयगति (arrhythmia)। कभी-कभी इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ecg) की ज़रूरत पड़ सकती है। इसमें कुछ चिपकने वाले पैच जिसे इलेक्ट्रोड कहते हैं जो हृदय द्वारा निकलने वाले इलेक्ट्रिकल सिंगनल को रिकॉर्ड करने के लिए आपके हाथ, पैर और सीने पर लगाए जाते हैं।
आपके डॉक्टर आपकी सामान्य स्वास्थ्य और रसायनों और मिनरल जैसे कि पोटैशियम (potassium) के स्तर की जांच के लिए खून जांच भी कर सकते हैं।
विशेषज्ञ के पास भेजना (Referral to a specialist)
अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको एनोरेक्सिया (anorexia) है तो वो आपको ज़्यादा मूल्यांकन और इलाज के लिए खाने के विकार के विशेषज्ञ के पास भेज सकते हैं, हालांकि कभी-कभी ये मूल्यांकन वह खुद से करते हैं।
एनोरेक्सिया (anorexia) के इलाज के बारे में और पढ़े ।
एनोरेक्सिया (anorexia) के इलाज में आमतौर पर मनोवैज्ञानिक थेरेपी और निगरानी में वज़न बढ़ाना शामिल होता है।
एनोरेक्सिया से ग्रस्त व्यक्ति के लिए ज़रूरी है कि वह जितनी जल्दी हो सके अपना इलाज शुरू करवा दे ताकि एनोरेक्सिया की गंभीर समस्याएं कम हो सकें, विशेष रूप से अगर उनका पहले ही बहुत वज़न घट गया है।
इलाज की योजना (The treatment plan)
डॉक्टर चल रहे इलाज में बहुत करीब से शामिल होते हैं, हालांकि अन्य हेल्थकेयर प्रोफेशनल भी आमतौर पर शामिल होते हैं जैसे:
- परामर्श विशेषज्ञ (specialist counsellor)
- मनोचिकित्सक (psychiatrist)
- मनोविज्ञानी (psychologist)
- विशेषज्ञ नर्स (special nurses)
- डाइटीशियन (dietitians)
कुछ मामलों में जब बच्चे या टीनेजर प्रभावित होते हैं तब पीडियाट्रिशियन को भी शामिल करते हैं।
इलाज शुरू करने से पहले मल्टी डिसिप्लिनरी केयर टीम के सदस्य आपके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक ज़रूरतों की स्पष्ट जांच करके देखभाल की योजना बनाएंगे।
एनोरेक्सिया में साथ ज़्यादा लोगों का आउट पेशेंट की तरह इलाज किया जाता है। जिसका मतलब वो अस्पताल, स्पेशलिस्ट सेंटर या अपने किसी अकेले केयर सदस्य से अपॉइंटमेंट लेकर मिलने जा सकते हैं लेकिन वो घर वापस आ सकते हैं।
ज़्यादा गंभीर मामलों में व्यक्ति को दिन के दौरान अस्पताल या स्पेशलिस्ट सेंटर में लम्बे समय तक रुकने की ज़रूरत पड़ सकती है। या उन्हें एक मरीज की तरह भर्ती होने की ज़रूरत पड़ सकती है।
मनोवैज्ञानिक इलाज (psychological treatment)
एनोरेक्सिया के इलाज में कई सारे अलग अलग मनोवैज्ञानिक इलाज का इस्तेमाल किया जा सकता है। जो स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। इलाज 6 से 12 महीनों तक चल सकता है।

कॉग्निटिव एनालिटिक थेरेपी (cognitive analytic therapy) CAT
कॉग्निटिव एनालिटिक थेरेपी (cognitive analytic therapy) आपके मानसिक हालत पर आधारित होता है जैसे एनोरेक्सिया बचपन में अस्वस्थ बर्ताव और आमतौर पर भूतकाल में विकसित किसी सोच के कारण होता है, ख़ासतौर पर बचपन में।
CAT की प्रक्रिया तीन चरणों में शामिल होती है:
- रिफॉर्मूलेशन (reformulation) : पिछली घटनाओं के देखकर ये पता लगाना कि अस्वस्थ पैटर्न क्यों विकसित हो रहे हैं
- रिकॉग्निशन (recognition) : लोगों को यह देखने में मदद करता है कि ये पैटर्न एनोरेक्सिया के लिए कैसे योगदान दे रहे हैं
- रिवीजन (revision) : उन परिवर्तनों का पता लगाना जो इस अस्वस्थ पैटर्न को तोड़ सके
कॉग्निटिव बेहवीयरल थेरेपी (cognitive behavioural therapy)
कॉग्निटिव बेहवीयरल थेरेपी (cognitive behavioural therapy) इस सिद्धांत पर आधारित होती है कि हम स्थिति के प्रभाव के बारे में कैसे सोचते हैं और हम बदले में कैसे बर्ताव करते हैं, हमारी क्रिया हमारे सोचने और अनुभव करने पर असर डालती है।
एनोरेक्सिया में थेरेपिस्ट बताने की कोशिश करता है कि हमारी खाने और डाइट की स्थिति किस प्रकार अस्वस्थ और अवास्तविक सोच और विश्वास से जुड़ी हुई है।
थेरेपिस्ट स्वस्थ होने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जिससे आप अधिक वास्तविक तरीके सोच सकते हैं जिससे अधिक सकारात्मक व्यवहार हो।
कॉग्निटिव बेहवीयरल थेरेपी (cognitive behavioural therapy) के बारे में और पढ़ें ।
इंटरपर्सनल थेरेपी (interpersonal therapy)
इंटरपर्सनल थेरेपी (interpersonal therapy) इस सिद्धान्त पर आधारित होता है कि अन्य लोगों के साथ रिश्ते और सामान्य रूप से बाहरी दुनिया का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत शक्तिशाली प्रभाव पड़ता है।
एनोरेक्सिया आत्मसम्मान की कमी, चिंता, और आत्म-संदेह की भावनाओं से संबंधित है। जो लोगों के साथ बातचीत करने से पैदा होती है।
IPT के दौरान थेरेपिस्ट आपके पारस्परिक रिश्तों से जुड़े नकारात्मक मसलों को और उन्हें कैसे ठीक किया जा सकता है उसपर ध्यान देता है।
फोकल साईकोडायनामिक थेरेपी (focal psychodynamic therapy)
फोकल साइकोडायनामिक थेरेपी (एफपीटी) (focal psychodynamic therapy) इस सिद्धांत पर आधारित है कि मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति अतीत में होने वाले अनसुलझे संघर्षों से जुड़ी हो सकती है, आमतौर पर बचपन के दौरान।
थेरेपी एनोरेक्सियासे ग्रस्त लोगों को यह सोचने के लिए प्रोत्साहित करती है कि बचपन के अनुभवों ने उन्हें कैसे प्रभावित किया होगा। इसका उद्देश्य तनावपूर्ण स्थितियों और नकारात्मक विचारों और भावनाओं से मुकाबला करने के लिए अधिक सफल तरीके खोजना है।
परिवार का हस्तक्षेप (Family interventions)
एनोरेक्सिया (anorexia) बस एक व्यक्ति पर असर नहीं डालता इसका, पूरे परिवार पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, फैमिली इंटरवेंशन यानी परिवार का एनोरेक्सिया से ग्रस्त काम उम्र के लोगों के इलाज का एक बहुत ज़रूरी हिस्सा है।
फैमिली इंटरवेंशन खाने के विकार पर ध्यान देता है और परिवार को बातचीत में शामिल करता है कि एनोरेक्सिया ने उन्हें कैसे प्रभावित किया है। यह परिवार की स्थिति समझने और वह कैसे सहायता कर सकते हैं इसमें भी सहायता करता है।
सुरक्षित रूप से वज़न बढ़ाना (Gaining weight safely)
केयर प्लान में यह सलाह शामिल होती है कि खाने की मात्रा कैसे बढ़ायें कि सुरक्षित रूप से वज़न बढ़ाया जा सके।
शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही साथ वज़न को करीब से देखा जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह अपेक्षा के अनुसार विकसित हो रहे हैं, बच्चे और युवाओं के हाईट की नियमित रूप से जांच की जाती है।
शुरुआत के लिए व्यक्ति को खाने के लिए भोजन की थोड़ी मात्रा दी जाती है जब उनका शरीर सामान्य मात्रा में खाना शुरू कर देता है तो मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है
इसका अंतिम लक्ष्य नियमित खाने का एक पैटर्न रखना है जिसमें सम्भवतः तीन बार खाने के साथ विटामिन और मिनरल शामिल हों।
एक आउटपेशेंट का औसत लक्ष्य हफ्ते में 0.5 किलो (1.1lbs) बढ़ाना होता है। विशेषज्ञ श्रेणी में उद्देश्य आमतौर पर हफ्ते में औसत 0.5 किलो -1 किलो (1.1-2.2 lbs) बढ़ाना होता है।
घर पर या अस्पताल में वजन बढ़ाने के बारे में अधिक जानकारी के लिए कुपोषण (malnutrition) का इलाज देखें।
अनिवार्य इलाज (Compulsory treatment)
कभी-कभी एनोरेक्सिया में व्यक्ति इलाज कराने से इनकार कर देता है, तब भी जब वह गंभीर रूप से बीमार होते हैं और उनका जीवन खतरे में होता है।
ऐसे मामलों में अंतिम सहारे के तौर पर डॉक्टर व्यक्ति को मेंटल हेल्थ एक्ट के अंतर्गत अस्पताल में भर्ती करके अनिवार्य इलाज का निश्चय करते हैं। इसे कभी-कभी सेक्शनिंग के रूप में जाना जाता है।
अतिरिक्त समस्याओं का इलाज (Treating additional problems)
जैसा कि मुख्य उपचार ऊपर बताये गए हैं उसी प्रकार एनोरेक्सिया के कारण होने वाली अन्य समस्याओं का इलाज भी आवश्यक है।
अगर आप खुद को नियमित रूप से उल्टी करवाते हैं तो इससे पेट का एसिड दांतो पर लगे इनेमल को खराब करता है; जिसे रोकने के लिए आपको दांत की सफाई से संबंधित सलाह दी जा सकती है।
उदाहरण के लिए, आपको सलाह दी जा सकती है कि दाँत के इनेमल को और अधिक घिसने से बचाने के लिए उल्टी के तुरंत बाद अपने दाँत ब्रश न करें और उसकी जगह अपने मुँह को पानी से कुल्ला करके साफ़ करें।
आपको एसिडिक खाने से बचाव और माउथवॉश की सलाह दी जा सकती है। आपको नियमित रूप से डेंटिस्ट से मिलने की सलाह दी जा सकती है ताकि वे किसी भी समस्या की जाँच कर सकें।
अगर आप वज़न कम करने के प्रयास में लैक्सटिव (laxatives) या डाइयूरेटिक्स (diuretics) का सेवन कर रहे हैं तो आपको उन्हें धीरे-धीरे छोड़ने की सलाह दी जाएगी जिससे आपका शरीर ठीक हो सके। उन्हें अचानक रोकना मिचली (nausea) और कब्ज (constipation) का कारण बन सकता है।
दवाएँ (Medication)
आमतौर पर एनोरेक्सिया के इलाज में दवाएं अकेले असरदार नहीं होती है। इसका इलाज हमेशा मनोवैज्ञानिक समस्यायों के साथ मिलाकर किया जाता है, जैसे ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (obsessive compulsive disorder (OCD)) और डिप्रेशन।
एनोरेक्सिया से ग्रस्त लोगों का इलाज मुख्य रूप से दो तरह की दवाओं से किया जाता है:
- Selective Serotonin Reuptake Inhibitors (SSRIs) : एक प्रकार की एंटीडिप्रेसेंट दवा जो लोगों की डिप्रेशन और चिंता जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याओं में मदद करती हैं
- ओलैंजपाइन ( olanzapine) : एक दवाई उन लोगों की वज़न और डाइट संबंधी मुद्दों को लेकर हो रही चिंता (anxiety) को कम करती है जिनपर कोई अन्य इलाज काम नहीं करता।
एसएसआरआई (SSRI) से तब तक परहेज़ किया जा सकता है जब तक एनोरेक्सिया वाले व्यक्ति का वजन बढ़ना शुरू नहीं हो जाता, क्योंकि अधिक गंभीर साइड इफेक्ट्स का खतरा उन लोगों में बढ़ जाता है जो गंभीर रूप से कम वजन के होते हैं। दवाओं का उपयोग 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों में सावधानी से किया जाता है।
एसएसआरआई (SSRI) के दुष्प्रभावों के बारे में और पढ़ें।
वो लोग जिन्हें एनोरेक्सिया है डर के कारण अक्सर मदद नहीं लेते हैं। कई लोग अपनी स्थिति को लंबे समय तक कभी-कभी सालों तक छिपाए रखते हैं।
वह आमतौर पर अपनी समस्या को स्वीकार करना या अपने लक्षणों के बारे में बात करना मुश्किल समझते हैं। वह इस बात को अस्वीकार कर देते हैं कि उन्हें वज़न बढ़ाने की ज़रूरत है या वह यह मानते ही नहीं कि कुछ गलत है।
अगर किसी को एनोरेक्सिया है तो उनके लिए उसका पता लगाने और इलाज की तरफ ज़रूरी कदम है :
- यह पता लगाना कि उन्हें मदद की ज़रूरत है
- ठीक होने की इच्छा
हालांकि इस कदम को उठाने की लिए उन्हें बहुत समर्थन और प्रोत्साहन की ज़रूरत पड़ेगी
खुद की सहायता करना
अगर आपको खाने की समस्या है या आपको लगता है कि आपको एनोरेक्सिया है तो आपको जितनी जल्दी हो सके इलाज की तलाश करनी चाहिए। आप इस तरह शुरुआत कर सकते हैं:
- किसी ऐसे व्यक्ति से बात करिए जिस पर आप भरोसा करते हैं, जैसे क आपका दोस्त या परिवार में से कोई एक।
- उन्हें अपने साथ डॉक्टर को दिखाने चलने के लिए कहें
किसी और की सहायता करना (Helping someone else)
अगर आपके किसी करीबी में एनोरेक्सिया के लक्षण दिख रहे हैं तो आप मदद और प्रोत्साहन की बात कर सकते हैं।
आप उस व्यक्ति से बात करने की कोशिश कर सकते हैं कि वो कैसा महसूस कर रहे हैं और उन्हें सहायता के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। लेकिन उनपर दबाव बनाने या उनके साथ आलोचनात्मक होने की कोशिश ना करें, यह चीज़ों को और खराब कर सकता है।
आप सलाह दे सकते हैं कि आप सबसे अच्छी मदद कैसे कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आपका डॉक्टर या एक सहायता समूह इस बारे में जानकारी दे सकता है:
- किसी व्यक्ति में समस्या का पता लगने के बाद उसकी मदद कैसे करें
- उपलब्ध इलाज
- आप इलाज के दौरान कैसे उनका समर्थन कर सकते हैं
आप उनके साथ डॉक्टर को दिखाने जाकर भी उस व्यक्ति की मदद कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए एनोरेक्सिया नर्वोसा (anorexia nervosa) का इलाज देखें।
अगर एनोरेक्सिया का इलाज नहीं किया जाता है तो यह कई सारी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
कुछ मामलों में हालात और भी घातक हो सकते हैं
अन्य स्वास्थ्य समस्याएं (Other health problems)
लम्बे समय का एनोरेक्सिया अक्सर कुपोषण (malnutrition) के परिणाम स्वरूप गंभीर जटिलताएं और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। कुछ जटिलताएँ ठीक होने के साथ सुधर सकती हैं लेकिन कुछ हमेशा के लिए रहती हैं।
एनोरेक्सिया (anorexia) से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं में ये शामिल हैं:
- मांसपेशियों और हड्डियों की समस्या (problem with muscles and bones) : जिसमें कमज़ोरी, कमज़ोर हड्डियां (osteoporosis) और बच्चे और बड़ों की शारीरिक विकास सम्बंधी समस्याएं शामिल हैं।
- यौन समस्या (sexual problems) : जिसमें औरतों में माहवारी ना होना, बांझपन और आदमियों में सेक्स की इच्छा की कमी और इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction) शामिल होता है।
- हृदय और धमनियों (blood vessels) के साथ समस्या : जिसमें खराब प्रसार (poor circulation), अनियमित हृदयगति (irregular heartbeat), निम्न रक्तचाप (low blood pressure), हृदय वाल्व रोग (heart valve disease), हार्ट फेलियर (heart failure), हाथ-पैर या चेहरे में सूजन शामिल है।
- दिमाग और नर्व के साथ समस्याएं : जिसमें फिट्स (fits,seizures) और एकाग्रता और स्मृति की परेशानियां शामिल हैं।
- अन्य समस्याएं : किडनी, लिवर खराब होना , एनीमिया (anaemia) और लो ब्लड शुगर (hypoglycemia)।
एनोरेक्सिया के साथ कुछ लोग एक अन्य खाने का विकार विकसित कर लेते हैं, जिसे बुलिमिया नर्वोसा (bulimia nervosa) कहते हैं। जहाँ कोई व्यक्ति भोजन करता है और फिर तुरंत अपने आप को खाने को निकालने के लिए मजबूर करता है, या अपने शरीर को भोजन से छुटकारा दिलाने के लिए जुलाब (laxatives) का उपयोग करता है।
गर्भावस्था की जटिलताएँ (Pregnancy complications)
अगर आपको एनोरेक्सिया है और आप गर्भवती हैं तो गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान और जन्म देने के बाद आपको बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता होगी।
एनोरेक्सिया से गर्भावस्था के दौरान इन समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है, जैसे:
- गर्भपात (miscarriage)
- समय से पहले जन्म देना (premature birth)
- कम वज़न वाले बच्चे का जन्म होना
- सिजेरियन सेक्शन की ज़रूरत पड़ना
अगर आपको पहले एनोरेक्सिया हुआ हो और आप उससे उबर चुकी हों तो आपको गर्भावस्था के दौरान ज़्यादा देखभाल और सहयोग की ज़रूरत पड़ सकती है
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Anorexia nervosa: एनोरेक्सिया नर्वोसा क्या है जानें कारण, लक्षण और इलाज.

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj
Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/04/2021
एनोरेक्सिया नर्वोसा क्या है?
एनोरेक्सिया नर्वोसा के लक्षण क्या हैं, एनोरेक्सिया किन कारणों से होता है, एनोरेक्सिया नर्वोसा का खतरा किन कारणों से बढ़ जाता है, एनोरेक्सिया नर्वोसा का निदान कैसे किया जाता है, जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार.

एनोरेक्सिया नर्वोसा एक डिसऑर्डर है जिसमें मरीज को वजन बढ़ने का डर बना रहता है। जो लोग इस भावनात्मक डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं, उनका वजन कम होने के बावजूद भी उन्हें वजन बढ़ने का डर होता है। जिसके कारण वे अत्यधिक व्यायाम करने के साथ ही या वजन कम करने के लिए अन्य तरीकों (जैसे जुलाब, खाने के बाद उल्टी) का उपयोग करते हैं।
एनोरेक्सिया नर्वोसा दो तरह के होते हैं:-
1. प्रतिबंधित एनोरेक्सिया
2. अत्यधिक खाने वाले एनोरेक्सिया
1. प्रतिबंधित एनोरेक्सिया:- प्रतिबंधित एनोरेक्सिया के शिकार व्यक्ति अपने खाने-पीने पर अत्यधिक प्रतिबंध लगाते हैं। इनलोगों में हमेशा अपनी कैलोरी की चिंता बनी रहती है और ऐसे लोग कैलोरी काउंट भी करते रहते हैं। आहार से दूरी बनाते हुए ऐसे लोग विशेष तौर से कार्बोहाइड्रेट पदार्थ पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे लोग एक्सरसाइज भी अत्यधिक करते हैं।
2. अत्यधिक खाने वाले एनोरेक्सिया:- ऐसे लोग भी अपने खान-पान पर प्रतिबंध लगाते हैं। लेकिन, खाने के दौरान अत्यधिक खाना खाने से पीछे भी नहीं हटते हैं। लेकिन, ऐसे लोग खाने के बाद उल्टी भी कर देते हैं। ध्यान नहीं देने पर ऐसे लोग धीरे-धीरे मानसिक रूप से भी बीमार पड़ने लगते हैं।
क्या एनोरेक्सिया नर्वोसा एक आम बीमारी है?
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एनोरेक्सिया नर्वोसा अधिक पाया जाता है। यह अक्सर युवावस्था के दौरान शुरू होता है। एनोरेक्सिया नर्वोसा शरीर के वजन को बहुत कम कर सकता है। समय रहते इलाज न करवाने पर जीवन को खतरा हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।
और पढ़ें : Asthma : अस्थमा क्या होता है? जाने इसके कारण ,लक्षण और उपाय
एनोरेक्सिया नर्वोसा के लक्षण क्या निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
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- वजन कम होने पर भी वजन बढ़ने या मोटा होने का डर ।
- जबरदस्ती उल्टी करना ।
- डायट पिल्स लेना ।
- वजन बढ़ने के डर से बहुत कम खाना या न खाना ।
- चोट लगने या थक जाने के बाद भी बहुत अधिक व्यायाम करना ।
- कैलोरी की गिनती करना ।
एनोरेक्सिया व्यक्ति पर बुरे मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डाल सकता है। ऐसे लोग हर समय वजन और भोजन के बारे में बात कर सकते हैं, दूसरों के सामने खा नहीं सकते हैं, मूडी या उदास हो रहते हैं या दोस्तों के साथ बाहर नहीं जाना चाहते। एनोरेक्सिया से पीड़ित लोगों को अन्य मानसिक और शारीरिक बीमारियां भी हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मुंह का अत्यधिक सूखना
- दिल या मस्तिष्क की समस्याएं
- ठंड के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता
हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। यदि आपको किसी भी लक्षण के बारे में किसी भी तरह की शंका है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
आपको या परिवार के किसी सदस्य में ये लक्षण दिखें या आपका कोई सवाल हो तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। शरीर का वजन बहुत कम होने पर एनोरेक्सिया जीवन के लिए खतरा हो सकता है। आहार संबंधी डिसऑर्डर से ग्रसित ज्यादातर लोग इलाज का विरोध करते हैं क्योंकि उन्हें लगता कि उन्हें कोई समस्या नहीं है। हमेशा उनका सपोर्ट करें और विश्वास दिलाएं कि उन्हें एक समस्या है और इलाज की जरूरत है।
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अभी तक एनोरेक्सिया नर्वोसा के सटीक कारणों का पता नहीं चल पाया है। इस बीमारी के लिए कई कारण हो सकते हैं जैसे अवसाद या अन्य मानसिक बीमारी। जींस और हार्मोन भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
- जेनेटिक- कुछ अनुवांशिक परिवर्तन के कारण कुछ लोगों को एनोरेक्सिया डिसऑर्डर होने का अधिक खतरा होता है।
- आत्म सम्मान में कमी- एनोरेक्सिया से पीड़ित व्यक्ति खुद को पसंद नहीं करता है। उनको खुद का शारीरिक रूप पसंद नहीं आता है और वे निराशाजनक महसूस करते हैं। वे हर तरह से कोशिश करते हैं कि अच्छे दिखें।
- जीवन में बदलाव या तनावपूर्ण घटनाएं- दर्दनाक घटनाओं (जैसे बलात्कार) के साथ-साथ तनावपूर्ण घटनाओं (जैसे एक नई नौकरी शुरू करना) की वजह से एनोरेक्सिया की शुरुआत हो सकती है।
- सोशल मीडिया का प्रभाव- टीवी, इंटरनेट और प्रिंट मीडिया (अखबार और फैशन मैग्जीन) पर दिखते दुबले-पतले मॉडल्स की सफलता और लोकप्रियता की वजह से भी इस डिसऑर्डर को बढ़ावा मिल सकता है। दरअसल, ऐसी फोटोज को देखकर व्यक्ति उसकी तरह दिखने की हर संभव कोशिश करता है।
डॉक्टर शारीरिक परीक्षण (फिजिकल टेस्ट), लेबोरेटरी टेस्ट आदि से इस डिसऑर्डर का पता करता है। एनोरेक्सिया के लिए कोई विशिष्ट टेस्ट मौजूद नहीं है।
डॉक्टर द्वारा पूछे जाने वाले सवाल
- आप अपने वजन को लेकर कितने समय से चिंतित हैं?
- क्या आप रोज व्यायाम करते हैं?
- क्या आप वजन कम करने के लिए किसी विधि का उपयोग कर रहे हैं?
- क्या आपने कभी बहुत खाने की वजह से खुद से उल्टी की है?
- क्या किसी ने आपको बताया कि आप बहुत पतले हैं?
- क्या आप अक्सर भोजन के बारे में सोचते हैं?
- क्या आपने कभी बाद में खाने के लिए भोजन को छिपाया है?
- क्या आपके परिवार में कोई भी फूड डिसऑर्डर से पीड़ित है?
यदि डॉक्टर को एनोरेक्सिया डिसऑर्डर का संकेत होता है, तो वह कुछ और टेस्ट करवा सकता है। इन परीक्षणों में शामिल हैं-
- पतली हड्डियों के लिए बोन डेन्सिटी टेस्ट (ऑस्टियोपरोसिस)
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी या ईकेजी)
- इलेक्ट्रोलाइट्स
- किडनी फंक्शन टेस्ट
- प्रोटीन टेस्ट
- थायराॅइड टेस्ट
- यूरिन टेस्ट
एनोरेक्सिया नर्वोसा का इलाज कैसे किया जाता है?
एनोरेक्सिया नर्वोसा के इलाज में व्यक्ति को उसकी बीमारी का एहसास दिलाना सबसे बड़ी चुनौती है। एनोरेक्सिया से ग्रसित लोग इस बात से इंकार करते हैं कि उन्हें कोई डिसऑर्डर है। इस डिसऑर्डर के उपचार में शामिल हो सकते हैं:
- टॉक थेरेपी का उपयोग युवा मरीज या कुछ समय से इस डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों के लिए किया जाता है ताकि उन्हें स्वस्थ आहार के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
- कोगनेटिव थेरेपी (एक प्रकार की टॉक थेरेपी)
- ग्रुप थेरेपी
- फैमिली थेरेपी
- एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसाइकोटिक्स और मूड स्टेबलाइजर्स जैसी दवाएं कुछ एनोरेक्सिक रोगियों की मदद कर सकती हैं। ये दवाएं डिप्रेशन या चिंता का इलाज करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, ये दवाएं वजन कम करने की इच्छा को कम करने में मदद नहीं करती हैं।
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एनोरेक्सिया नर्वोसा की वजह कौन-कौन सी शारीरिक परेशानी बढ़ सकती है?
एनोरेक्सिया नर्वोसा की वजह से निम्नलिखित शारीरिक परेशानी बढ़ सकती है। जैसे:
- दिल से जुड़ी समस्या
- ब्लड प्रेशर कम होना
- एनीमिया की समस्या होना
- आंत संबंधित परेशानी
- बार-बार पेशाब आना
- हॉर्मोनल प्रोब्लेम
इन परेशानियों के साथ-साथ अन्य शारीरिक या मानसिक परेशानी हो सकती है। इसलिए शरीर में हो रहे बदलाव को नजरअंदाज न करें और हेल्थ एक्सपर्ट से सम्पर्क करें।
- तनाव कम करना ।
- स्वीकार करें कि आपको एनोरेक्सिया है ।
- अपने डॉक्टर या डायटीशियन द्वारा निर्धारित आहार खाएं ।
- काउंसलिंग सेशन में भाग लें ।
- डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लें ।
- ऐसे कपड़े खरीदें जो फिट हों, न कि ऐसे कपड़े जिनमें फिट होने के लिए आपको वजन कम करना पड़े ।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
Ferri, Fred. Ferri’s Netter Patient Advisor. Philadelphia, PA: Saunders / Elsevier, 2012. Print edition. Page 869.
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- Anorexia nervosa
Anorexia (an-o-REK-see-uh) nervosa — often simply called anorexia — is an eating disorder characterized by an abnormally low body weight, an intense fear of gaining weight and a distorted perception of weight. People with anorexia place a high value on controlling their weight and shape, using extreme efforts that tend to significantly interfere with their lives.
To prevent weight gain or to continue losing weight, people with anorexia usually severely restrict the amount of food they eat. They may control calorie intake by vomiting after eating or by misusing laxatives, diet aids, diuretics or enemas. They may also try to lose weight by exercising excessively. No matter how much weight is lost, the person continues to fear weight gain.
Anorexia isn't really about food. It's an extremely unhealthy and sometimes life-threatening way to try to cope with emotional problems. When you have anorexia, you often equate thinness with self-worth.
Anorexia, like other eating disorders, can take over your life and can be very difficult to overcome. But with treatment, you can gain a better sense of who you are, return to healthier eating habits and reverse some of anorexia's serious complications.
Products & Services
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- Newsletter: Mayo Clinic Health Letter — Digital Edition
The physical signs and symptoms of anorexia nervosa are related to starvation. Anorexia also includes emotional and behavioral issues involving an unrealistic perception of body weight and an extremely strong fear of gaining weight or becoming fat.
It may be difficult to notice signs and symptoms because what is considered a low body weight is different for each person, and some individuals may not appear extremely thin. Also, people with anorexia often disguise their thinness, eating habits or physical problems.
Physical symptoms
Physical signs and symptoms of anorexia may include:
- Extreme weight loss or not making expected developmental weight gains
- Thin appearance
- Abnormal blood counts
- Dizziness or fainting
- Bluish discoloration of the fingers
- Hair that thins, breaks or falls out
- Soft, downy hair covering the body
- Absence of menstruation
- Constipation and abdominal pain
- Dry or yellowish skin
- Intolerance of cold
- Irregular heart rhythms
- Low blood pressure
- Dehydration
- Swelling of arms or legs
- Eroded teeth and calluses on the knuckles from induced vomiting
Some people who have anorexia binge and purge, similar to individuals who have bulimia. But people with anorexia generally struggle with an abnormally low body weight, while individuals with bulimia typically are normal to above normal weight.
Emotional and behavioral symptoms
Behavioral symptoms of anorexia may include attempts to lose weight by:
- Severely restricting food intake through dieting or fasting
- Exercising excessively
- Bingeing and self-induced vomiting to get rid of food, which may include the use of laxatives, enemas, diet aids or herbal products
Emotional and behavioral signs and symptoms may include:
- Preoccupation with food, which sometimes includes cooking elaborate meals for others but not eating them
- Frequently skipping meals or refusing to eat
- Denial of hunger or making excuses for not eating
- Eating only a few certain "safe" foods, usually those low in fat and calories
- Adopting rigid meal or eating rituals, such as spitting food out after chewing
- Not wanting to eat in public
- Lying about how much food has been eaten
- Fear of gaining weight that may include repeated weighing or measuring the body
- Frequent checking in the mirror for perceived flaws
- Complaining about being fat or having parts of the body that are fat
- Covering up in layers of clothing
- Flat mood (lack of emotion)
- Social withdrawal
- Irritability
- Reduced interest in sex
When to see a doctor
Unfortunately, many people with anorexia don't want treatment, at least initially. Their desire to remain thin overrides concerns about their health. If you have a loved one you're worried about, urge her or him to talk to a doctor.
If you're experiencing any of the problems listed above, or if you think you may have an eating disorder, get help. If you're hiding your anorexia from loved ones, try to find a person you trust to talk to about what's going on.
The exact cause of anorexia is unknown. As with many diseases, it's probably a combination of biological, psychological and environmental factors.
- Biological. Although it's not yet clear which genes are involved, there may be genetic changes that make some people at higher risk of developing anorexia. Some people may have a genetic tendency toward perfectionism, sensitivity and perseverance — all traits associated with anorexia.
- Psychological. Some people with anorexia may have obsessive-compulsive personality traits that make it easier to stick to strict diets and forgo food despite being hungry. They may have an extreme drive for perfectionism, which causes them to think they're never thin enough. And they may have high levels of anxiety and engage in restrictive eating to reduce it.
- Environmental. Modern Western culture emphasizes thinness. Success and worth are often equated with being thin. Peer pressure may help fuel the desire to be thin, particularly among young girls.
Risk factors
Anorexia is more common in girls and women. However, boys and men have increasingly developed eating disorders, possibly related to growing social pressures.
Anorexia is also more common among teenagers. Still, people of any age can develop this eating disorder, though it's rare in those over 40. Teens may be more at risk because of all the changes their bodies go through during puberty. They may also face increased peer pressure and be more sensitive to criticism or even casual comments about weight or body shape.
Certain factors increase the risk of anorexia, including:
- Genetics. Changes in specific genes may put certain people at higher risk of anorexia. Those with a first-degree relative — a parent, sibling or child — who had the disorder have a much higher risk of anorexia.
- Dieting and starvation. Dieting is a risk factor for developing an eating disorder. There is strong evidence that many of the symptoms of anorexia are actually symptoms of starvation. Starvation affects the brain and influences mood changes, rigidity in thinking, anxiety and reduction in appetite. Starvation and weight loss may change the way the brain works in vulnerable individuals, which may perpetuate restrictive eating behaviors and make it difficult to return to normal eating habits.
- Transitions. Whether it's a new school, home or job; a relationship breakup; or the death or illness of a loved one, change can bring emotional stress and increase the risk of anorexia.
Complications
Anorexia can have numerous complications. At its most severe, it can be fatal. Death may occur suddenly — even when someone is not severely underweight. This may result from abnormal heart rhythms (arrhythmias) or an imbalance of electrolytes — minerals such as sodium, potassium and calcium that maintain the balance of fluids in your body.
Other complications of anorexia include:
- Heart problems, such as mitral valve prolapse, abnormal heart rhythms or heart failure
- Bone loss (osteoporosis), increasing the risk of fractures
- Loss of muscle
- In females, absence of a period
- In males, decreased testosterone
- Gastrointestinal problems, such as constipation, bloating or nausea
- Electrolyte abnormalities, such as low blood potassium, sodium and chloride
- Kidney problems
If a person with anorexia becomes severely malnourished, every organ in the body can be damaged, including the brain, heart and kidneys. This damage may not be fully reversible, even when the anorexia is under control.
In addition to the host of physical complications, people with anorexia also commonly have other mental health disorders as well. They may include:
- Depression, anxiety and other mood disorders
- Personality disorders
- Obsessive-compulsive disorders
- Alcohol and substance misuse
- Self-injury, suicidal thoughts or suicide attempts
There's no guaranteed way to prevent anorexia nervosa. Primary care physicians (pediatricians, family physicians and internists) may be in a good position to identify early indicators of anorexia and prevent the development of full-blown illness. For instance, they can ask questions about eating habits and satisfaction with appearance during routine medical appointments.
If you notice that a family member or friend has low self-esteem, severe dieting habits and dissatisfaction with appearance, consider talking to him or her about these issues. Although you may not be able to prevent an eating disorder from developing, you can talk about healthier behavior or treatment options.
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